वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन को शरण मांगने के अनुरोधों के लिए शुल्क लेने और ऐसे मामलों का निपटान 180 दिनों के भीतर करने के आदेश दिए हैं। व्हाइट हाउस ने सोमवार रात एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब ट्रंप ने ट्विटर पर अमेरिकी आव्रजन कानूनों को लेकर आक्रोश जारी किया था जिन्हें वह “कमजोर, अप्रभावी एवं खतरनाक” करार देते हैं।
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मेमो (में अन्य बदलावों को भी अंकित किया गया है जिनमें शरणार्थियों के कार्य अनमुति आवेदन दायर करने के लिए शुल्क लेना और अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने वालों या प्रवेश की कोशिश करने वालों को राहत की मंजूरी मिलने से पहले अस्थायी कार्य अनुमतियां प्राप्त करने से रोकना आदि भी शामिल हैं।
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साथ ही इसमें अधिकारियों को उन आव्रजकों के वर्क परमिट को रद्द करने का निर्देश दिया गया है जिन्हें देश वापसी के अंतिम आदेश प्राप्त हो चुके हैं। अमेरिकी मीडिया की खबरों के मुताबिक यह आदेश अटॉर्नी जनरल बिल बार के उस निर्देश के दो हफ्ते बाद आया है जिसमें आव्रजन मामलों की सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों से कहा गया था कि वे शरण मांगने वाले वैसे लोगों को जमानत न दें जिन्हें देश में अवैध तरीके से घुसने के लिए गिरफ्तार किया गया हो।