By अभिनय आकाश | Jul 03, 2021
अक्सर ये कहा जाता है कि अगर हमारे पड़ोसी अच्छे हैं तो हमारी रोजमर्रा की कई छोटी-बड़ी बातों की फिक्र यूं ही खत्म हो जाती है। यही फाॅर्मूला देशों पर भी लागू होता है। हमारे पड़ोसी देश म्यांमार यानी बर्मा में फरवरी के महीने में वहां कि सेना ने तख्तापलट करते हुए देश की सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। तख्तापलट के विरोध प्रदर्शन म्यांमार में लगातार हो रहे हैं जिसे नियंत्रित करने के लिए सेना ने मर्शल लॉ भी लगाने का फैसला लिया। लेकिन म्यांमार में तख्तापलट पर अमेरिका की टेढ़ी नजर है। इसी क्रम में म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थन में सरकार की कार्रवाई के बाद 22 वरिष्ठ अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों पर अमेरिका ने पाबंदी लगा दी है। अमेरिकी सरकार ने म्यांमार की सेना के सात सदस्यों और उनके परिवार के 15 सदस्यों पर पाबंदी लगाने की घोषणा कर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है।
म्यांमार के लोगों के खिलाफ क्रूर हिंसा का अभियान स्वीकार नहीं
म्यांमार में फरवरी में तख्तापलट और देश में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के जवाब में अमेरिका ने ये पाबंदी लगाई है। अमेरिका के राजकोष विभाग ने कहा है कि सेना द्वारा लोकतंत्र का दमन और म्यांमार के लोगों के खिलाफ क्रूर हिंसा का अभियान स्वीकार नहीं। एक बयान में ये भी कहा गया कि अमेरिका म्यांमार की सेना के खिलाफ जुर्माना लगाना जारी रखेगा। म्यांमार की सूचना मंत्री जिटनिंग, श्रम मंत्री समाजिक कल्याण मंत्री समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों के खिलाफ पाबंदी लगाई गई है। अमेरिकी अधिकारी के क्षेत्र में इन पाबंदियों की संपत्ति पर रोक लगाई गई है। पाबंदी के बाद अमेरिकी लोग इनके साथ किसी तरह का कोई कारोबार नहीं कर पाएंगे।
कैदियों की रिहाई शुरू
गौरतलब है कि फरवरी देश के अलग-अलग हिस्सों में सभी सरकारी आवासों पर सेना के वाहनों से घेरा डाल दिया गया था और एनएलडी के महत्वपूर्ण नेताओं एवं वरिष्ठ पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया गया था। इसके अलावा सैन्य शासन का विरोध कर रहे सैकड़ों नागरिकों पर सुरक्षा बलों द्वारा कार्रवाई भी की गई है। लेकिन अब खबर है कि म्यांमार की सैन्य सरकार ने करीब 2300 कैदियों की रिहाई शुरू कर दी। जिनमें फरवरी में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए कार्यकर्ता और प्रदर्शनों पर खबर जारी करने वाले पत्रकार शामिल है।