By अंकित सिंह | Jun 29, 2021
कोरोना वैक्सीन को लेकर किए गए अपने ट्वीट पर प्रशांत भूषण एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। प्रशांत भूषण पर कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप लग रहा है। अपने ट्वीट में जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने लिखा कि स्वस्थ युवाओं में कोविड के कारण गंभीर प्रभाव या मृत्यु की संभावना बहुत कम होती है। टीकों के कारण उनके मरने की संभावना अधिक होती है। कोरोना से रिकवर होने वालों की नैचुरल इम्युनिटी, वैक्सीन की तुलना में कहीं बेहतर होती है। वैक्सीन उनकी नैचुरल इम्युनिटी से समझौता भी कर सकते हैं।
अपनी आलोचना पर सफाई देते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि दोस्तों और परिवार सहित बहुत से लोगों ने मुझ पर वैक्सीन की हिचकिचाहट को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। मैं वैक्सीन विरोधी नहीं हूं लेकिन मेरा मानना है कि प्रायोगिक और परीक्षण न किए गए टीके के टीकाकरण को बढ़ावा देना गैर-जिम्मेदाराना है, खासकर युवा और कोविड से ठीक हुए लोगों के लिए। उन्होंने यह भी लिखा कि स्थिति खराब है। बायो मेडिकल एथिक्स की अवहेलना की जा रही है। विज्ञान मर चुका है।, नूर्नबर्ग कोड का उल्लंघन किया जाता है। माता पिता को गलत जानकारी दी जाती है।