By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 09, 2020
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डॉ. हिमांशु कहते हैं कि मंगलवार को तीन मरीजों को डिस्चार्ज किया गया जिनमें केजीएमयू का एक रेजीडेंट डाक्टर, पहली महिला डाक्टर रोगी का एक रिश्तेदार तथा तीसरा लंदन से आया एक युवक। मरीजों को डिस्चार्ज करने से पहले नहाने के लिए कहा जाता है। इसके बाद उन्हें एक (विशेष रसायन) वाइप से क्लीन किया जाता है। विसंक्रमित किए गए कपड़े पहनाए जाते हैं। उनके द्वारा उतारे गए कपड़ों को इंसीनरेटर में भेज दिया जाता है। उनके सभी सामान को संक्रमण मुक्त किया जाता है। कमरे से बाहर निकलने से पहले उन्हें मास्क व शू कवर पहनाए जाते हैं। कोशिश यही रहती है कि उन्हें एंबुलेंस से ही घर छोड़ा जाए। जो लोग अपनी गाड़ी में जाना चाहते हैं उनकी गाड़ी को हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन स्प्रे कर सैनिटाइज कराया जाता है। उनसे कहा जाता है कि घर पहुंचने के बाद अपनी गाड़ी को फिर से साफ कर सैनीटाइज करें। घर जाकर सबसे पहले नहाएं और अपने कपड़ों को 0.5 फीसद ब्लीचिंग पाउडर डालकर 70 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किए हुए पानी में धोएं। साथ ही मोबाइल, लैपटॉप, घड़ी ,चश्मा आदि को भी सैनिटाइज करें।
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घर में उन्हें एक कमरे में 14 दिन तक पृथक वास में रहने की कड़ी हिदायत दी जाती है। उन्होंने बताया कि घर पर रहने के दौरान भी उन्हें अकेले कमरे में रहना पड़ेगा, खाना डिस्पोजल बर्तनों में खाना पड़ेगा, हमेशा मास्क पहने रहना होगा, पहने हुये कपड़ों को अलग रखना होगा, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा।डा हिमांशु बताते है कि केजीएमयू का रेजीडेंट डाक्टर तौसीफ कोरोना वायरस के संक्रमण में आया था तो उस समय वह उनकी टीम में था। इसलिये वह स्वंय 14 दिन के पृथक वास में चले गये थे और अपने ही घर में खुद को अलग थलग कर लिया था तथा अपने सारे काम स्वंय कर रहे थे। इसी तरह केजीएमसी के पृथक वार्ड में काम करने वाले सभी कर्मचारी यहां अपनी एक सप्ताह की डयूटी करने के बाद 14 दिन पृथक वास में बिताते है तब वह अपने घर जाते है और दोबारा डयूटी पर आते है।