केरल में विजय दशमी के मौके कई बच्चों ने शिक्षा की दुनिया में रखा अपना पहला कदम

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 05, 2022

तिरुवनंतपुरम। केरल में विजय दशमी पर ‘विद्यारम्भम’ अनुष्ठान के साथ राज्य भर के बच्चे शिक्षा की दुनिया में अपना पहला कदम रखते हैं और बुधवार को भी विजय दशमी के अवसर पर कई बच्चों ने इसकी शुरूआत की। राज्य में विजय दशमी को ‘विद्यारम्भम’ के तौर पर भी मनाया जाता है। इस दिन राज्य के मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों में विद्वान, लेखक, शिक्षक और समाज के अन्य वर्ग के कई लोग आमतौर पर दो से तीन साल की उम्र के अपने बच्चों से उनका पहला अक्षर लिखवाते हैं।

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इसकी शुरुआत ‘हरि श्री गणपतिये नमः’ मंत्र से की जाती है। वे नन्हे-मुन्नों को चावल से भरी थाली पर ‘‘हरि श्री गणपतिये नमः’’ लिखने में मदद करते हैं या इसे बच्चे की जीभ पर सोने की अंगूठी से लिखा जाता है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और कांग्रेस सांसद शशि थरूर इस अवसर पर मंदिर व अन्य पंडालों में पहुंच कर बच्चों के जीवन के इस महत्वपूर्ण पल के साक्षी बने। वहीं, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीसन ने ऐसा एक अनुष्ठान अपने आवास पर ही आयोजित किया। खान और थरूर ने इसकी कुछ तस्वीरें ट्विटर पर साझा की और बच्चों को इसके लिए बधाई दी।

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केरल राजभवन के जनसंपर्क अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘‘ माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान विजय दशमी के मौके पर तिरुवनंतपुरम के पूजाप्पुरा में सरस्वती मंडपम और श्री सरस्वती देवी मंदिर गए। उन्होंने कुछ बच्चों को शिक्षा की दुनिया में अपना पहला कदम रखने में मदद की। #विद्यारम्भम।’’ जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल खान ने कहा, ‘‘ केरलवासियों को विजय दशमी की शुभकामनाएं। विद्या की दुनिया में कदम रख रहे बच्चों को मेरा स्नेह व दुआएं। ’’

थरूर ने भी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘ 2009 के बाद से (केवल वैश्विक महामारी के कारण दो वर्ष के अलावा) पूजाप्पुरा में सरस्वती मंदिर आकर मंडप में उन बच्चों के साथ करीब एक घंटा बिताकर उन्हें लिखना सिखाता हूं जिनके माता-पिता इसके लिए उनका पंजीकरण कराते हैं। यह केरल की सबसे बड़ी ताकत है कि पढ़ने और लिखने के प्रति श्रद्धा (बच्चों में) इतनी जल्दी उत्पन्न हो जाती है।’’ नेता प्रतिपक्ष सतीसन ने भी अपने आवास पर एक ‘विद्यारम्भम’ अनुष्ठान आयोजित किया और उसकी तस्वीरें फेसबुक पर साझा की। उन्होंने लिखा, ‘‘ विजय दशमी के दिन बच्चे अपना पहला अक्षर लिखकर ज्ञान की दुनिया में प्रवेश करते हैं।

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