कांग्रेस में क्या होगी सचिन पायलट की जिम्मेदारी? अपनी भूमिका को लेकर खुद किया बड़ा खुलासा

By अंकित सिंह | Nov 27, 2021

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का काम पूरा हो चुका है। मंत्रिमंडल विस्तार में नाराज चल रहे सचिन पायलट के समर्थकों को भी शामिल किया गया है जिसके बाद माना जा रहा है कि सचिन पायलट संतुष्ट हैं। हालांकि उम्मीद इस बात के जताई जा रही थी कि पायलट की एक बार फिर से संगठन के साथ-साथ गहलोत कैबिनेट में भी वापसी हो सकती है लेकिन यह नहीं हुआ। कैबिनेट विस्तार में पायलट समर्थक विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की भी वापसी हो गई है जिन्हें पिछले साल बगावत की वजह से हटा दिया गया था। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर सचिन पायलट की भूमिका क्या होगी?

 

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इसको लेकर सचिन पायलट ने ही खुद बड़ा खुलासा किया है। सचिन पायलट ने कहा कि जो भी जिम्मेदारी नेतृत्व की तरफ से सौंपा जाएगा, उसे निभाने के लिए वह तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता राज्य में एक बार फिर से कांग्रेस की सत्ता वापसी को सुनिश्चित करना है। सचिन पायलट ने यह भी कहा कि वह पार्टी के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार कर रहे हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। वह कांग्रेस के एक समर्पित कार्यकर्ता हैं और पार्टी जो भी कहेगी वह उसे निभाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरीके से 2018 में हम सामूहिक रूप से चुनाव में उतरे थे, वैसे ही 2023 में भी हम सामूहिक रूप में चुनाव में उतरेंगे और जीतेंगे। सीएम चेहरे पर उन्होंने कहा कि पिछली बार भी हमारा कोई सीएम चेहरा नहीं था और अगली बार भी संभवत हम सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेंगे।

 

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केंद्र सरकार हमला

सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि कि आज केंद्र की सत्ता में जो लोग बैठे हुए है वे संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगे हुए हैं। पायलट ने कहा कि पिछले 70 साल में देश में जिन संस्थाओं का निर्माण हुआ है उसमें सबकी भूमिका रही है.. लेकिन दुर्भाग्य से आज जो लोग केंद्र की सत्ता में बैठे हुए हैं वे इन संस्थाओं को कमजोर करने में लगे हैं। संविधान दिवस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि देश का लोकतंत्र और प्रजा का राज हमारी पूंजी है उसको बरकरार रखना हम सब की जिम्मेदारी है। आज संविधान दिवस है और हम सब लोगों को प्रण लेना चाहिए कि देश के लोकतांत्रिक के सिलसिले में संविधान निर्माताओं की जो दूरदर्शी सोच थी उस सोच को हमें आगे ले जाना चाहिए। 

 

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