अमर जवान ज्योति को लेकर सियासी विवाद क्यों खड़ी कर रही हैं पार्टियां ?

By नीरज कुमार दुबे | Jan 21, 2022

नमस्कार न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किये जाने पर सियासी विवाद खड़ा हो गया है। हम आपको बता दें कि अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था। लेकिन अब अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया गया है जोकि इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं।

इसे भी पढ़ें: अब इंडिया गेट नहीं, बल्कि नेशनल वॉर मेमोरियल में जलेगी अमर जवान ज्योति की मशाल की लौ

कांग्रेस का आरोप


दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार पर आरोप लगाया है कि यह कदम सैनिकों के बलिदान के इतिहास को मिटाने की तरह है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!’’ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया, ‘‘अमर जवान ज्योति को बुझाना उस इतिहास को मिटाने की तरह है जो पाकिस्तान के दो टुकड़े करने और दक्षिण एशिया के मानचित्र को बदलने वाले 3,483 बहादुर सैनिकों के बलिदान का प्रतीक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही विडंबनापूर्ण है कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरा होने के अवसर पर सरकार आजादी के बाद के सबसे बेहतरीन क्षण को मिटाने का प्रयास करती दिख रही है।’’


सरकार का पक्ष


वहीं इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखते हुए सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह देखकर विचित्र लगता है कि अमर जवान ज्योति की लौ 1971 एवं दूसरे युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए है, लेकिन इनमें से किसी का नाम वहां मौजूद नहीं है। सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि इंडिया गेट पर कुछ उन शहीदों के नाम अंकित हैं जो प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो अफगान युद्ध में ब्रिटिश शासन के लिए लड़े और ऐसे में ये हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है।

इसे भी पढ़ें: अमर जवान ज्योति की लौ क्या हमेशा के लिए बुझ जाएगी? विपक्ष के आरोपों का सरकार ने दिया जवाब

भाजपा का पलटवार


इस मुद्दे पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ‘‘अमर जवान ज्योति के संदर्भ में कई तरह की गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं। सही बात यह है कि अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है। इसे राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ मिलाया जा रहा है।’’ हालांकि जहां तक इस मुद्दे पर सेना से जुड़े रहे लोगों की राय है तो वह सरकार के इस कदम की भरपूर सराहना कर रहे हैं।

प्रमुख खबरें

Messi event controversy के बाद बंगाल में खेल मंत्रालय की कमान संभालेंगी ममता बनर्जी

IPL 2026 नीलामी: यूपी के प्रशांत वीर पर CSK ने लगाया 14.20 करोड़ का बड़ा दांव

IPL 2026 नीलामी: कैमरन ग्रीन बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी, KKR ने लगाए 25.20 करोड़

इंडसइंड बैंक में HDFC समूह की एंट्री, भारतीय रिज़र्व बैंक से 9.5% हिस्सेदारी की मंजूरी