National Deworming Day 2025: क्यों जरूरत पड़ी यह दिन मनाने की, जानिए कृमि मुक्ति दिवस का इतिहास और महत्व

By Prabhasakshi News Desk | Feb 10, 2025

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस भारत में हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है। नेशनल डीवॉर्मिंग डे या राष्ट्रीय कृमि दिवस को मनाने की शुरुआत भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गयी थी और इसका उद्देश्य था 1 साल से लेकर 14 साल के बच्चों में बढ़ रही मृदा-संचारित हेल्मिन्थ्स जैसी बीमारियों को रोकना और लोगों को इस रोग के प्रति जागरूक करना। आंतों में कीड़े होने की स्थिति को मृदा-संचारित हेल्मिन्थ्स यानी कि सॉइल ट्रांसमिटेड हेल्मिन्थ्स कहा जाता है। आज के समय में भारत में लाखों बच्चे इस परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस दिन को मनाने की पहल की गई है।


क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस ?

हमारे देश में कृमि संक्रमण एक आम समस्या है जो अनुमानित रूप से 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करती है। जिसकी वजह से व्यक्ति को एनीमिया, दस्त, पेट दर्द, कुपोषण और मानसिक विकास संबंधी दिक्कतें होने की संभावनाएं हैं। ऐसे में नेशनल डीवॉर्मिंग डे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन बच्चों को कृमि नाशक दवा देने का अभियान चलाया जाता है जिससे उन्हें कृमि संक्रमण से बचाने में मदद मिलती है।


जानिए इस दिवस का इतिहास

साल 2015 में इस दिन को मनाने की शुरुआत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई थी। देश को कृमि मुक्त बनाना ही इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है। कृमि रोग बच्चों की आंतों को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से बच्चों में मानसिक विकार की स्थिति पैदा हो सकती है। यह रोग इंसानों और जानवरों दोनों के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए 2015 से हर साल इस दिन देश के सभी आंगनवाड़ी और स्कूलों में बच्चों को दवाई दी जाती है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है ताकि बच्चों की ओवरऑल हेल्थ में सुधार लाया जा सके। 


राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का महत्व

10 फरवरी को भारत में  मनाया जाने वाला यह दिवस बच्चों और किशोरों में परजीवी कृमि संक्रमण से निपटने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह जागरूकता को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य, पोषण और संज्ञानात्मक विकास को बेहतर बनाने के लिए कृमि मुक्ति दवा देता है और इससे बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन और समग्र कल्याण सुनिश्चित होता है।


कैसे मनाया जाता है?

इस मौके पर कई ऐसे अभियान चलाए जाते हैं जिसमें परिवार को बच्चों के लिए कृमिनाशक दवा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसी के साथ कृमि संक्रमण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाता है और इस दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों को एल्बेंडाजोल नामक एक सुरक्षित और प्रभावी कृमिनाशक दवा दी जाती है।

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