By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 24, 2016
नयी दिल्ली। दरगाह ट्रस्ट ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि पुरूषों की ही तरह महिलाओं को भी मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थान पर प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही ट्रस्ट ने जरूरी अवसंरचनात्मक बदलाव करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है। प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव ने ट्रस्ट को समय दे दिया और बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उनकी अपील का निपटान किया। बंबई उच्च न्यायालय ने आदेश में महिलाओं को भी प्रवेश का समान अधिकार देने के लिए कहा था।
ट्रस्ट का पक्ष रखने के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि दरगाह ट्रस्ट की ओर से एक अतिरिक्त शपथपत्र दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि वह महिलाओं को दरगाह के मुख्य स्थान पर प्रवेश देने के लिए तैयार है। शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए स्टे की अवधि को 17 अक्तूबर को विस्तार दे दिया था ताकि दरगाह के मुख्य स्थान के पास महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई की जा सके। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने उम्मीद जताई थी कि उच्च न्यायालय के फैसले का विरोध करने वाला ट्रस्ट ‘‘प्रगतिवादी रूख अपनाएगा।''