महिलाओं पर हिजाब से लगाम कसने के बाद अब आदमियों की बारी, प्राइवेट पार्ट दिखाने वाले एक्टरों पर तालिबान ने लगाया बैन

By रेनू तिवारी | Nov 23, 2021

तालिबान महिलाओं की आजादी के खिलाफ कितना कट्टर है यह बात किसी से छुपी हुई नहीं हैं। महिलाओं को तालिबानी नियमों का उल्लंघन करने पर जान गवानी पड़ती है यह भी पूरी दुनिया बखूबी जानती है। अफगानिस्तान में अब एक बार फिर तालिबान का राज है। अमेरिका ने जब अफगानिस्तान से अपनी सेना हटाई तो अफगानिस्तान का मंजर खौफनाक था। जितने हो सके उन लोगों ने देश छोड़ दिया लेकिन मूल अफगानों ने तालिबान को अपनी किस्मत मान लिया और वहीं बसे रहे। अफगानों को लेकर लगातार तालिबान नये-नये नियम लागू करता रहता हैं। ताजा अपडेट के अनुसार सिनेमा इंडस्ट्री को लेकर तालिबानियों ने नये नियम लागू होंगे, जिसमें महिलाओं खुलकर काम करने की मनाही हैं। वह नकाप पहन कर ही नाटकों और फिल्मों में काम कर सकेंगी। यहां तक की टीवी पर समाचार सुनाने वाली एंकर को भी हिजाब पहनकर ही एंकरिंग करनी होगी। 

 

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बीबीसी ने बताया कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लगाए गए नए नियमों के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं को टेलीविजन नाटकों में प्रदर्शित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। महिला पत्रकारों और प्रस्तुतकर्ताओं को भी स्क्रीन पर हेडस्कार्फ़ पहनने का आदेश दिया गया है, हालांकि दिशानिर्देश यह नहीं कहते हैं कि काम करते समय किस प्रकार के कवर का उपयोग करना है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्टरों का कहना है कि कुछ नियम अस्पष्ट हैं और व्याख्या के अधीन हैं। अफगान टेलीविजन चैनलों को जारी किए गए तालिबान दिशानिर्देशों के नये सेट में आठ नए नियम शामिल हैं।

 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें शरिया के सिद्धांतों, इस्लामी कानून और अफगान मूल्यों के खिलाफ मानी जाने वाली फिल्मों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है, जबकि पुरुषों के शरीर के अंतरंग हिस्सों को उजागर करना प्रतिबंधित है। कॉमेडी और मनोरंजन से पता चलता है कि धर्म का अपमान करना या अफगानों के लिए अपमानजनक माना जा सकता है। 


रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान अपने आदेश में इस बार पर जोर दिया कि जो फिल्में या धारावाहिक विदेशी सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देती हैं उनका प्रसारण नहीं किया जाएगा। अफगान टेलीविजन चैनल मुख्य महिला पात्रों के साथ ज्यादातर विदेशी नाटक दिखाते हैं। अफगानिस्तान में पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन के एक सदस्य हुज्जतुल्लाह मुजद्देदी ने कहा कि नए प्रतिबंधों की घोषणा अप्रत्याशित थी। उन्होंने बीबीसी को बताया कि कुछ नियम व्यावहारिक नहीं थे और अगर इसे लागू किया जाता है, तो प्रसारकों को बंद करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।


लड़कियों और युवतियों को स्कूल से घर पर रहने का आदेश देने के तालिबान ने अफगानिस्तान को दुनिया का एकमात्र ऐसा देश बना दिया, जिसने अपनी आधी आबादी को शिक्षा प्राप्त करने से रोक दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी काबुल के मेयर ने भी महिला नगरपालिका कर्मचारियों को घर पर रहने के लिए कहा, जब तक कि उनकी नौकरी एक आदमी से नहीं भरी जा सकती।


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