वर्क फ्रॉम होम सुनने में तो अच्छा लगता है लेकिन यह कॅरियर के लिए घातक है

By वरूण क्वात्रा | Feb 27, 2019

सुबह जल्दी उठकर ऑफिस जाना हर किसी को अच्छा नहीं लगता। ऐसे बहुत से लोग हैं जो नौ से पांच की जॉब करने की बजाय घर से काम करना पसंद करते हैं। घर बैठकर ही अगर किसी की अच्छी कमाई हो तो शायद ही लोगों को ऑफिस जाना रास आए। आमतौर पर, लोग वर्क फ्रॉम होम के फायदे ही फायदे नजर आते हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−

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हरदम काम

ऑफिस जाने वाले व्यक्तियों के आठ घंटे ऑफिस के होते हैं, लेकिन जब वह घर वापिस आते हैं तो अपना समय परिवार को देते हैं। वहीं जो लोग घर से काम करते हैं, वह भले ही पूरा दिन परिवार के साथ हो लेकिन फिर भी उनके साथ नहीं होते। सोते−जागते उन्हें अपने कमिटमेंट पूरे करने की चिंता लगी रहती है। जिसके कारण कभी−कभी उनके स्वास्थ्य और पारिवारिक रिश्तों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

 

जल्द प्रमोशन नहीं

जो लोग घर से काम करते हैं, उनके काम का एक रेट तय होता है और चाहकर भी व्यक्ति उन्हें बहुत अधिक नहीं बढ़ा सकता। दरअसल, घर से काम करने पर आप ऑफिस में बॉस से लगातार संपर्क में नहीं रहते। केवल फोन या ईमेल के जरिए ही काम होता है। कभी−कभी तो कम्युनिकेशन के अभाव में काम भी प्रभावित होता है। साथ ही कम्युनिकेशन गैप के चलते लोग जल्द आपको नोटिस नहीं करते और न ही आप अपने भीतर के गुणों को उनके समक्ष रख पाते हैं। ऐसे में प्रमोशन होना या काम के रेट में वृद्धि होना काफी मुश्किल होता है।

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कुएं का मेढ़क

आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन घर से काम करने वाले लोग वास्तव में एक कुएं का मेढ़क बनकर रह जाते हैं। चूंकि आप घर से ही काम करते हैं तो आप सीमित लोगों को ही जानते हैं और उनके जरिए ही काम करते हैं। जबकि ऑफिस में जाने वाले व्यक्ति न सिर्फ हर दिन कई लोगों से मिलता है और उसका नेटवर्क अच्छा बनता है, बल्कि उसे मार्केट में होने वाली हर हलचल के बारे में पहले से ही पता चल जाता है। इस प्रकार ऑफिस जाने वाले लोग अपना एक अच्छा नेटवर्क बना लेते हैं, जिसका लाभ उन्हें ताउम्र मिलता है।


खूबियों का विस्तार

ऑफिस में काम करने वाले व्यक्ति में कई तरह के गुण खुद−ब−खुद आ जाते हैं। मसलन, ऐसे लोग ऑफिस एडीकेट्स को स्वयं ही सीख जाते हैं। साथ ही जब भी वह किसी ऑफिस में काम करते हैं तो उन्हें काफी कुछ नया सीखने को मिलता है। जिस तरह जमाना बदल रहा है, उसे देखते हुए व्यक्ति को हरदम खुद को पॉलिश करना पड़ता है। ऑफिस में व्यक्ति अपने सहकर्मियों से काफी कुछ सीख जाता है, जबकि घर से काम करने वाले लोगों को यह अवसर नहीं मिलता। वह हर दिन एक ही तरह से काम करते हैं। उन्हें अपनी खूबियों का विस्तार करने के लिए खुद से ही कुछ पहल करना पड़ता है और उसके लिए रास्ते भी खुद ही खोजने पड़ते हैं।

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सपोर्ट की कमी

कई बार ऐसा होता है कि काम के दौरान व्यक्ति बीच में अटक जाता है, लेकिन घर से काम करने वाले व्यक्ति को बैक सपोर्ट न के बराबर ही मिलता है। जबकि ऑफिस में जाने वाला व्यक्ति तुरंत ऑफिस में सहायता प्राप्त कर लेता है। इतना ही नहीं, घर से काम करने वाले व्यक्ति को अपनी विश्वसनीयता बनाने और उसे बरकरार रखने में भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

 

-वरूण क्वात्रा

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