By रेनू तिवारी | Jul 02, 2025
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश विभाग में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। बैठक में आतंकवाद विरोधी प्रयासों सहित कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की गई। सभा को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की और पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर सहित भारत की हालिया आतंकवाद विरोधी प्रतिक्रिया का उल्लेख किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और अपराधियों को कभी भी समान नहीं माना जाना चाहिए और भारत को आतंकवादी हमलों से अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों की मौजूदगी में जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत को उम्मीद है कि उसके क्वाड साझेदार आतंकवाद से निपटने के मामले में उसकी स्थिति को समझेंगे और उसकी सराहना करेंगे।
जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मेजबानी में क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक से पहले मीडिया से यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “विश्व को आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता दिखानी चाहिए। पीड़ितों और अपराधियों को कभी भी समान नहीं माना जाना चाहिए और भारत को आतंकवाद से अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। विदेश मंत्री ने कहा, “ और हम उस अधिकार का प्रयोग करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे क्वाड साझेदार इस बात को समझेंगे और इसकी सराहना करेंगे।” उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के लिए चयन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान से मिलकर बना क्वाड एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है, जो मुख्य रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उम्मीद है कि क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक इस वर्ष के अंत में दिल्ली में होने वाले समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आधार तैयार करेगी। जयशंकर ने कहा, यह आवश्यक है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को चयन की स्वतंत्रता मिले, जो विकास और सुरक्षा पर सही निर्णय लेने के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा, पिछले कई महीनों में हमने क्वाड पहल में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसमें समुद्री क्षेत्र, साजोसमान, शिक्षा और राजनीतिक समन्वय शामिल हैं। हम इस पर अधिक विस्तार से चर्चा करेंगे। जयशंकर ने कहा कि क्वाड के कामकाज को और अधिक कुशल बनाया गया है। उन्होंने कहा, एक अधिक सुसंगत, चुस्त और केंद्रित क्वाड निश्चित रूप से बेहतर परिणाम देने में मदद करेगा। क्वाड हमारे तालमेल को गहरा करने और हमारे साझा आधार का विस्तार करने के बारे में है। मैं इस संबंध में हिंद-प्रशांत के विभिन्न आयामों पर हमारे परामर्श को महत्व देता हूं। रुबियो के निमंत्रण पर जयशंकर 30 जून से दो जुलाई तक अमेरिका की यात्रा पर हैं।