By कमलेश पांडे | Nov 21, 2025
यदि किसी कारण वश आपका आधार कार्ड डिएक्टिवेट हो चुका है तो ऐसा होने पर आपको कतई चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब इसे दोबारा एक्टिवेट किया जा सकता है। बता दें कि आधार कार्ड डिएक्टिवेशन आमतौर पर डेटा में गलती या मृत्यु पंजीकरण प्रक्रिया में चूक के कारण होता है, जब आधार धारक की मृत्यु समझ ली जाती है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता।
यही वजह है कि इसे दोबारा चालू करने के लिए आधार कार्ड धारक को अपना आवेदन करना होता है। इसके लिए नजदीकी आधार सेवा केंद्र, राज्य सरकार के कार्यालय, या यूआईडीएआई (UIDAI) को डाक, ईमेल या स्वयं जाकर आवेदन दिया जा सकता है। बता दें कि आवेदन मिलने के दो सप्ताह बाद आधार धारक को UIDAI अधिकारी की देखरेख में बायोमेट्रिक जानकारी (जैसे- चेहरा, आंख की पुतलियां, और फिंगरप्रिंट) जमा करने के लिए आधार केंद्र बुलाया जाएगा।
वहीं, बायोमेट्रिक जानकारी जमा होने के 30 दिन के अंदर आवेदन की स्थिति एसएमएस (SMS) के जरिए और myAadhaar पोर्टल पर बताई जाती है। यदि आधार डिएक्टिवेशन मृत्यु की गलत रिपोर्ट की वजह से हुआ है और आप जीवित हैं, तो जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार को इसकी सूचना दी जानी चाहिए, जो आगे भारत के रजिस्ट्रार जनरल और UIDAI को भेजी जाएगी। इससे आपका आधार कार्ड पुनः सक्रिय हो जाएगा।
इसके अलावा, UIDAI की 24x7 हेल्पलाइन नंबर 1947 पर कॉल करके भी आधार स्थिति की जानकारी और पुन: सक्रिय करने के लिए सहायता प्राप्त की जा सकती है। अंततः, ऑनलाइन प्रक्रिया से समाधान न हो पाने पर आधार सेवा केंद्र जाकर भी पुनः सक्रियण करवाया जा सकता है।
संक्षेप में यह कहना उपयुक्त होगा कि आधार डिएक्टिवेट होने पर आवेदन करें। ऐसा आप ऑनलाइन, डाक, या आधार सेवा केंद्र पर जाकर कर सकते हैं। वहीं आवेदन के बाद UIDAI अधिकारी की निगरानी में बायोमेट्रिक पुनः जमा करें। आवेदन की स्थिति SMS/myAadhaar पोर्टल से चेक करें। मृत्यु की गलत रिपोर्ट के मामले में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार को सूचना दें। UIDAI हेल्पलाइन 1947 पर सहायता लें।आवश्यकता पड़ने पर आधार केंद्र पर जाएं।इस प्रक्रिया से आप अपना आधार कार्ड दोबारा चालू कर सकते हैं।
बता दें कि UIDAI को आधार कार्ड रीएक्टिवेशन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज की स्व-सत्यापित फोटो प्रति देने जरूरी होते हैं:- आधार नंबर पहचान प्रमाण (POI)- जैसे, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि। क्योंकि UIDAI द्वारा मान्यता प्राप्त दस्तावेजों से ही पहचान की पुष्टि होती है।
वहीं, पता प्रमाण (POA) दस्तावेज के तौर पर, जैसे- बिजली बिल, पानी का बिल, गैस कनेक्शन बिल, बैंक स्टेटमेंट आदि, जो हाल ही में (पिछले 3 महीने के अंदर) जारी हुए हों। जबकि जन्म तिथि प्रमाण (DOB) के लिए जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल रिकॉर्ड, सरकारी अस्पताल के जन्म प्रमाणपत्र आदि।
साथ ही, आवेदन के समय नाम, लिंग, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल, पता, जिला, राज्य आदि विवरण भी जरूरी होते हैं। वहीं, यदि आवेदक की उम्र 18 वर्ष से कम है तो माता-पिता के आधार नंबर की भी जरूरत पड़ सकती है।इन दस्तावेजों के आधार पर UIDAI अधिकारी बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट, आईरिस, चेहरा) विवरण पुनः सत्यापित करते हैं, जिसके बाद आधार रीएक्टिवेशन होता है।
संक्षेप में बता दें कि, आधार रीएक्टिवेशन के लिए पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, और जन्म तिथि प्रमाण की मूल या वैध प्रति प्रस्तुत करनी होती है, साथ ही आधार नंबर और व्यक्तिगत विवरण भी आवश्यक होते हैं। दरअसल, आधार कार्ड रीएक्टिवेशन के लिए आवेदन भरने और जमा करने का तरीका आमतौर पर निम्न चरणों में होता है:-
पहला, आवेदन पत्र प्राप्त करें: नजदीकी आधार सेवा केंद्र, राज्य सरकार कार्यालय या UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट से आधार रीएक्टिवेशन फॉर्म डाउनलोड करें या प्राप्त करें।
दूसरा, फॉर्म भरना: फॉर्म में अपना आधार नंबर, नाम, जन्म तिथि, पता, मोबाइल नंबर आदि विवरण सही-सही भरें। साथ ही, आधार डिएक्टिवेशन का कारण और आवश्यक दस्तावेजों की सूची संलग्न करें।
तीसरा, दस्तावेज संलग्न करें: पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, और जन्म तिथि प्रमाण के दस्तावेज के साथ लगाएं।
चतुर्थ, आवेदन जमा करें: ऑनलाइन वेबसाइट पर फॉर्म अपलोड करके या आधार सेवा केंद्र में जाकर काउंटर पर आवेदन जमा करें। कुछ मामलों में डाक द्वारा आवेदन भेजने का विकल्प भी होता है।
पंचम, बायोमेट्रिक सत्यापन: आवेदन जमा करने के बाद आपको UIDAI अधिकारी के सामने बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट, आईरिस, चेहरा) अपडेट करने के लिए बुलाया जाएगा।
छठा, आवेदन स्थिति जांचें: UIDAI द्वारा SMS या myAadhaar पोर्टल पर आवेदन की स्थिति चेक करें।
सप्तम, रीएक्टिवेशन पूर्ण: सत्यापन और प्रक्रिया पूरी होने के बाद आधार कार्ड रीऐक्टिवेट हो जाएगा।
सरल शब्दों में कहें तो आप आवेदन पत्र भर कर नजदीकी आधार केंद्र या ऑनलाइन पोर्टल पर जमा कर सकते हैं, उसके बाद बायोमेट्रिक सत्यापन सहित बाकी प्रक्रिया पूरी होती है।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार