47 फीसदी पूरी हुई स्मॉर्ट सिटी परियोजना, दिल्ली का रहा अव्वल स्थान: रिपोर्ट

By अनुराग गुप्ता | Aug 20, 2021

नयी दिल्ली। देश के 100 शहरों का निर्माण करने वाली स्मॉर्ट सिटी परियोजना को शुरू हुए 6 साल बीत चुके हैं लेकिन अभी तक महज 47 फीसदी परियोजनाएं पूरी हुई हैं। थिंक-टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

अंग्रेजी समाचार पत्र 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक स्मॉर्ट सिटी परियोजना की प्रगति तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और गुजरात में सबसे अच्छी रही है। वहीं, तमिलनाडु के चेन्नई और कोयंबटूर में, मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल और उज्जैन में और गुजरात के सूरत और राजकोट में बार-बार विभिन्न मानदंडों पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हुआ। 

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रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली और नागालैंड ने 70 फीसदी से अधिक परियोजनाओं को पूरा कर लिया है। जबकि सात अन्य राज्यों ने 50-60 फीसदी काम पूरा कर लिया है। जिसमें राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।

शहरों की बात करें तो स्मॉर्ट सिटी परियोजना के आधार पर सबसे ज्यादा नयी दिल्ली में काम हुआ है। इसके बाद चेन्नई, इंदौर, सूरत और कोयंबटूर का स्थान है। जबकि राजकोट ने फंड का सबसे अच्छा इस्तेमाल किया है। इसके बाद इंदौर, उज्जैन, भोपाल और कोलकाता का स्थान रहा।

वहीं परियोजनाओं को पूरा करने के मामले में सबसे नीचे पुडुचेरी है। इसके बाद अमरावती, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और शिलांग हैं। अभी तक इन शहरों का एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है। जबकि राज्यों के मामलों में मेघालय सबसे नीचे हैं। 

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100 शहरों में चल रही है परियोजना

हाल ही में सरकार ने बताया था कि स्मार्ट सिटी परियोजना को 100 शहरों से आगे बढ़ाने या टीयर-2 एवं टीयर-3 शहरों को इसमें शामिल करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि भारत सरकार ने 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिये 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी परियोजना शुरू किया था। इसका उद्देश्य छोटे क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए ऐसा प्राकृतिक मॉडल बनाने का है जो अन्य क्षेत्रों एवं उभरते हुए शहरों के लिये मार्गदर्शक का काम करे। उन्होंने कहा था कि इसके तहत सरकार चुने हुए प्रत्येक शहर को 5 वर्षों की अवधि में 500 करोड़ रुपये देती है।

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