By अभिनय आकाश | Jun 04, 2025
बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के पक्ष से झूठ परोसने के लिए अमेरिका पहुंचे थे। यहां उन्होंने कई नेताओं से मुलाकात की और कई आयोजनों में हिस्सा लिया। संयुक्त राष्ट्र में भी उन्होंने बोला और जितनी बार बोला उतनी बार ये साबित हो गया कि पाकिस्तान के झूठ बोलने की कोई लिमिट नहीं है। बिलावल भुट्टो जिस अंदाज में ताबड़तोड़ तरीके से लंबी लंबी फेक रहे थे। कई बार तो वो खुद ओवर कॉन्फिडेंस के चक्कर में उसमें फंसते हुए नजर आए। भारत के मुसलमानों को लेकर पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो अमेरिका में बड़े कॉन्फिडेंस में झूठ बोल रहे थे। लेकिन एक पल भी नहीं लगा और पाकिस्तान के पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो की पोल खुल गई। बिलावल भुट्टो ने भारत में नफरत का बीज बोने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच से एक ऐसा बयान दिया, जिसके बाद उन्हें लगा कि वो भारत में फूट डाल देंगे और दुनिया में झूठा नैरेटिव सेट कर देंगे। लेकिन यहां वो कमजोर पड़ गए।
बिलावल ने कहा कि भारत के मुसलमानों को आतंकी समझा जा रहा है। लेकिन बिलावल के इस झूठ का विदेशी मुस्लिम पत्रकार ने ही पर्दाफाश कर दिया और ऐसा काउंटर बयान दिया, जिसके बाद बिलावल सिर्फ सिर हिलाते रह गए। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग में आरोप लगाया कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में मुसलमानों को अलग नजर से देखा जा रहा है। भुट्टो ने कहा कि पहलगाम अटैक का राजनीतिकरण भारतीय मुसलमानों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। हालांकि, कार्यक्रम में मौजूद एक पत्रकार ने इस व्यापक सामान्यीकरण को गलत बताया। अपने निजी अनुभव से पत्रकार ने बताया कि भारतीय सेना की ब्रीफिंग, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर पर ब्रीफिंग भी शामिल है, मुस्लिम अधिकारियों द्वारा ही आयोजित की गई थी।
पत्रकार ने जवाब दिया कि आपने कहा कि कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले का इस्तेमाल भारत में मुसलमानों को बदनाम करने के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में किया जा रहा है। लेकिन, सर, मैंने दोनों पक्षों की ब्रीफिंग देखी है। जहाँ तक मुझे याद है, वहाँ मुस्लिम भारतीय सैन्य अधिकारी थे जो भारतीय पक्ष की ब्रीफिंग कर रहे थे। इस टिप्पणी से भुट्टो स्पष्ट रूप से परेशान हो गए, उन्होंने कोई खंडन नहीं किया और केवल यह स्वीकार किया। जहाँ तक ऑपरेशन का सवाल है, आप बिल्कुल सही हैं।
पत्रकार का संदर्भ ऑपरेशन सिंदूर पर कर्नल सोफिया कुरैशी द्वारा आयोजित मीडिया ब्रीफिंग से था, जिन्हें एक अन्य महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ देश भर में प्रसिद्धि मिली थी। बिलावल भुट्टो वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका काम हाल के क्षेत्रीय तनावों पर इस्लामाबाद का पक्ष प्रस्तुत करना है। यह दौरा 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले के बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया, ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर हो रहा है। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की संरचना भारत की हालिया कूटनीतिक पहुंच को प्रतिबिंबित करती प्रतीत होती है, जहां शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी जैसे विपक्षी नेताओं सहित एक सर्वदलीय संसदीय दल पहलगाम नरसंहार के बाद नई दिल्ली के रुख को प्रस्तुत करने के लिए कई देशों का दौरा कर रहा है।
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