Bye-Bye 2021: भारत के वो शानदार रिकॉर्ड जो साल 2021 में दर्ज किए गए, हर भारतीय को किया गौरवान्वित

By निधि अविनाश | Dec 31, 2021

देखते ही देखते यह साल भी खत्म होने जा रहा है। जाते-जाते साल 2021 ने कोरोना के नए संक्रमण ओमिक्रोन को जन्म दे दिया है जिससे एक बार फिर दुनिया में ठहराव आ गया है। साल 2021 ने भारत को गर्व करने के लिए ऐसे कई क्षण दिए जिससे इस साल को हमेशा याद किया जा सकेगा। खेल के क्षेत्र में इतिहास रचने से लेकर कोविड वैक्सिनेशन में एक नया रिकॉर्ड हासिल करने तक इस साल हमारे सामने कई शानदार पल आए। आइये आपको बताते चले साल 2021 में भारत के शानदार रिकॉर्ड जिसने भारतीय होने पर गर्व महसूस कराया। 

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UNGA में पीएम मोदी

सितंबर 2021 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड लीडर्स समिट और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76 वें सत्र के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की ऐतिहासिक 3-दिवसीय यात्रा की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सत्रों से पहले उनकी पहली व्यक्तिगत द्विपक्षीय बैठक के लिए व्हाइट हाउस में उनकी मेजबानी की थी। बाइडेन के पदभार संभालने के बाद पीएम मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा को अमेरिकी सांसदों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए एक 'महत्वपूर्ण क्षण' करार दिया।

25 सितंबर का वो खास दिन जब पीएम मोदी ने पहले राष्ट्राध्यक्ष के रूप में, UNGA में पाकिस्तान और चीन को कड़ा सदेंश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि आतंकवाद को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वालों पर इसका उल्टा असर होगा। पीएम ने अपने भाषण में आचार्य चाणक्य, दीन दयाल उपाध्याय और रवींद्रनाथ टैगोर का भी जिक्र किया और जलवायु कार्रवाई और इसकी महत्वाकांक्षी दृष्टि पर भारत के मजबूत रिकॉर्ड को साझा किया।

COVID-19 महामारी के प्रकोप के बाद UNGA में पीएम मोदी का यह पहला-व्यक्तिगत संबोधन था और उनके द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत ने 1.3 बिलियन भारतीयों का सीना गर्व से भर दिया।


टोक्यो में चमके भारतीय पैरालिंपियन

टोक्यो में भारत की उपलब्धियां केवल ओलंपिक तक ही सीमित नहीं थीं। देश ने पैरालंपिक खेलों में भी अपने सबसे बड़े पदक जीते, भारतीय खिलाड़ियों की झोली में कुल 19 पदक आए जिसमें - 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक थे। पैरालंपिक के लिए भारत ने अब तक की सबसे बड़ी 54 पैरा-एथलीटों को 9 खेल में भेजा था। भारतीय अभियान की सबसे बड़ी स्टार यकीनन 20 वर्षीय अवनी लेखरा थीं, जिन्होंने स्वर्ण और कांस्य जीता और दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।


भारत ने एक दिवसीय टीकाकरण का उच्चतम रिकॉर्ड तोड़ा

जब दुनियाभर में कोरोना के डेल्टा स्वरूप का कहर बरपा तो भारत भी इससे अछुता नहीं रहा। कोरोना महामारी ज्यादा न फैले इसको देखते हुए देश नेस्वास्थ्य कर्मियों के लिए 16 जनवरी, 2021 को अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया। बाद में 60 साल से अधिक आयु के लोगों और 45 साल के ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण अभिनायन शुरू किया। अप्रैल से अगले चरण में, 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण को मंजूरी दी गई और अंत में, 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए इसका विस्तार किया गया।

वैक्सीन अभियान के बीच कई सवाल भी उठे और पूछा गया कि क्या भारत कभी भी अपनी इतनी बड़ी आबादी को सफलतापूर्वक टीका लगाने में सक्षम होगा? लेकिन शुरुआती टीके की झिझक और जैब को लेकर हो रही राजनीति के बीच भी देश ने सबको गलत साबित कर दिया और टीकाकरण अभियान से देश एक मील का पत्थर साबित हुआ। भारत ने सितंबर में पीएम मोदी के जन्मदिन के अवसर में बड़ी संख्या में टीकाकरण अभिनाय चलाने का फैसला किया। देश ने 17 सितंबर को एक ही दिन में रिकॉर्ड तोड़ 2.5 करोड़ नागरिकों का टीकाकरण कर यह उपलब्धि हासिल की है।


भारत की वैक्सीन सैन्च्युरी

भारत की अगली बड़ी उपलब्धि एक महीने बाद अक्टूबर में आई, जब देश ने कोविड वैक्सीन में 100 करोड़ की संख्या को पार कर दिया। बता दें कि, इस महत्वपूर्ण अवसर का सम्मान करने के लिए दुनिया भर में समारोह आयोजित किए गए थे। वहीं,  भारत का सबसे बड़ा खादी तिरंगा, जिसका वजन लगभग 1,400 किलोग्राम था, लाल किले से फहराया गया। घरेलू एयरलाइन स्पाइसजेट ने सीमावर्ती कार्यकर्ताओं और कोरोना योद्धाओं के योगदान का सम्मान करने के लिए एक विशेष पोशाक का अनावरण किया, जिन्होंने भारत को 100 करोड़ वैक्सीन खुराक देने में मदद की। 22 दिसंबर तक, भारत का COVID-19 टीकाकरण कवरेज 138.96 करोड़ (1,38,95,90,670) से अधिक हो गया।


लेह में फहराया गया दुनिया का सबसे बड़ा खादी राष्ट्रीय ध्वज

2 अक्टूबर गांधी जंयती के अवसर पर लेह शहर में दुनिया का सबसे बड़ा खादी राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इसका उद्घाटन लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर और आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने किया । गांधी जयंती के अवसर पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख द्वारा यह बापू को श्रद्धांजलि दी गई। बता दें कि यह झंडा हाथ से बनाया गया है और इसको लेह में जांस्कर घाटी में लगया गया है। इस झंडे का वजन लगभग 1000 किलोग्राम है, लंबाई 225 फीट और चौड़ाई 125 फीट है। खादी से तैयार किया गया यह झंडा मुंबई की एक प्रिंटिंग कंपनी द्वारा तैयार किया गया है। 


2 और भारतीय मूल के सीईओ का उदय

2021 वह साल शानदार रहा जब वैश्विक मंच पर भारत को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई। पहले भारतीय मूल के पराग अग्रवाल थे, जिन्हें माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था। 37 वर्षीय, आईआईटी-बॉम्बे के पूर्व छात्र, 2011 में ट्विटर से जुड़े थे। वहीं भारत के लिए एक और गर्व के क्षण रहा जब, महाराष्ट्र में जन्मी लीना नायर दिसंबर में बहुराष्ट्रीय ब्रांडों के भारतीय सीईओ की सूची में शामिल हुईं। 


भारत निर्मित कोवैक्सिन को WHO की मंजूरी

जनवरी में अपने टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए, भारत धीरे-धीरे दो 'मेड इन इंडिया' टीकों- भारत बायोटेक के कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) कोविशील्ड का उपयोग करके अपनी विशाल आबादी को टीका लगाने की ओर बढ़ गया। Covaxin को हैदराबाद स्थित वैज्ञानिक डॉ कृष्णा एला और उनकी टीम द्वारा विकसित किया गया था।


अक्टूबर में, तकनीकी सलाहकार समूह (TAG) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को भारत बायोटेक COVID-19 वैक्सीन Covaxin के लिए आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) स्थिति की सिफारिश की, जिसे वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने बाद में मंजूरी दे दी। आपातकालीन उपयोग के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित कोवैक्सिन की मंजूरी ने एक बार फिर दुनिया में भारत की फार्मा क्षमता को बढ़ावा दिया।

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दुर्गा पूजा यूनेस्को की आईसीएच सूची में हुआ शामिल

भारत के लिए एक और बहुत गर्व की बात हुई जब, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने इस साल पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा उत्सव को विरासत का दर्जा दिया। सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव का सम्मान करने के लिए, दुर्गा पूजा को संयुक्त राष्ट्र निकाय की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में जोड़ा गया। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति के 16वें सत्र के दौरान यह निर्णय लिया गया। पीएम मोदी ने इसे हर भारतीय के लिए बहुत गर्व और खुशी का विषय बताते हुए कहा कि, कोलकाता की दुर्गा पूजा हमारी परंपराओं और लोकाचार को उजागर करती है और कोलकाता की दुर्गा पूजा एक ऐसा अनुभव है जो हर किसी के पास होना चाहिए।

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