लीक डॉक्यूमेंट्स से बड़ा खुलासा: उइगर मुसलमानों के दमन के पीछे जिनपिंग समेत कई नेताओं का हाथ

By अभिनय आकाश | Dec 02, 2021

चीन में उइगरों मुस्लिमों के बारे में आई एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनके दमन के पीछे परोक्ष रूप से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत सीपीसी के कई बड़े नेताओं का हाथ है। बीजिंग से एक बड़े लीक ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पर्दाफाश कर दिया है। "सीक्रेट" और "टॉप सीक्रेट" वर्गीकरण वाली फाइलें बताती हैं कि कैसे चीनी राष्ट्रपति ने शिनजियांग में उइगरों के खिलाफ नरसंहार का आदेश दिया था। इन लीक दस्तावेज में ऐसे भाषण शामिल हैं जिनके आधार पर विश्लेषक ये कह रहे हैं कि ये इस बात का प्रमाण है कि चीन के शीर्ष नेताओं ने ऐसे कदम उठाने की बात की जिसकी वजह से उइगर मुसलमानों को बड़ी संख्या में कैद रखा गया। के लिए पुनर्शिक्षा और पुनर्वास के मामलों से संबंधित है। कागजात से पता चला कि कैसे बीजिंग प्रशासन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा दिए गए भाषणों के अनुरूप समुदाय पर नकेल कसी।

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जिनपिंग ने शिनजियांग में धार्मिक चरमपंथ की ताकतों को कुचलने आदि की बातें भी कही हैं। उन्होंने कहा है कि शिनजियांग की सबसे बड़ी दिक्कत बेरोजगारी है। बड़ी संख्या में बेरोजगार लोग परेशानी को भड़काने के लिए उत्तरदायी हैं। उन्होंने कहा है कि शिनजियांग में हान चीनी लोगों की कम आबादी चिंता का विषय है। शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को लेकर चीन बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय दबाव में आ गया है। इस क्षेत्र के लिए चीन के दृष्टिकोण में एक उल्लेखनीय बदलाव का पता 2013 में बीजिंग में यात्रियों पर दो क्रूर हमलों और 2014 में कुनमिंग शहर में देखा जा सकता है, जिसके लिए चीन द्वारा उइगर इस्लामवादियों और अलगाववादियों को दोषी ठहराया गया था।

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2016 के बाद से इसकी प्रतिक्रिया उइगर और अन्य मुसलमानों के लिए तथाकथित "पुनः शिक्षा" शिविरों का निर्माण रही है, और झिंजियांग के निवासियों के लक्ष्यीकरण ने किसी भी व्यवहार को अविश्वसनीयता के संकेत के रूप में प्रदर्शित किया है। लीक हुए डॉक्यूमेंट्स 2014-2017 के बीच की हैं। इन लीक डॉक्यूमेंट्स की कॉपीज उइगुर ट्रिब्यूनल की वेबसाइट पर भी पोस्ट की गई हैं।

उइगरों से चीन की दुश्मनी

चीन में मुसलमानों की आबादी 2.2 करोड़ है, यानी कुल आबादी का 1.6 फीसदी। शिनजियांग में 45 फीसदी उईगर मुसलमान रहते हैं। ये तुर्की से संबंध रखते हैं। लेकिन इस प्रांत के मुसलमान चीन की मर्जी के बगैर कुछ नहीं कर सकते। चीन की सरकार जब चाहे वहां मस्जिदों को गिरा कर पब्लिक टाॅयलेट बनवा देती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक चीन ने 18 लाख उइगर मुसलमानों को कैद में रखा है। 10 लाख मुसलमानों को डिटेंशन कैंप की बात संयुक्त राष्ट्र की तरफ से भी कही जा चुकी है। 

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