By अनुराग गुप्ता | Feb 03, 2021
नयी दिल्ली। कनाडा की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता जगमीत सिंह जो भले ही ओटावा में एक किंगमेकर की भूमिका में हैं लेकिन नई दिल्ली के लिए वह आज भी खालिस्तानी और पाकिस्तान समर्थक होने से ज्यादा कुछ नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए नए डोजियर में कहा गया है कि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत कनाडा में न सिर्फ खालिस्तान आश्रित कार्यकर्ता हैं बल्कि वह अमेरिका में भारत विरोधी आंदोलन का नेतृत्व भी करते हैं। इतना ही नहीं उनके भड़काऊ भाषण उस वक्त और ज्यादा सुनाई दिए जब भारत सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा समाप्त कर उसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया।
हाल ही में जगमीत सिंह सुर्खियों में छाए हुए हैं क्योंकि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रेहाना को धन्यवाद कहा है। बता दें कि रिहाना ने मंगलवार को किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ट्वीट किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बंद करने की आलोचना की।
भारतीय मूल के जगमीत सिंह पेशे से आपराधिक वकील हैं और उन्होंने साल 2011 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी लेकिन वो अपना पहला चुनाव ही हार गए। कनाडा में सिख समुदाय की संख्या को देखते हुए उन्हें 2015 में पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया और 2017 में पार्टी की कमान दे दी गई। वामपंथी विचारधारा से प्रभावित जगमीत सिंह प्रो-खालिस्तानी रैलियों में भी शामिल हो चुके हैं जो भारत की दृष्टि से सही नहीं है। जगमीत सिंह का भारत के साथ-साथ विश्व के कई देशों में प्रो-खालिस्तानी रैलियों में शामिल होने के चलते खूब विरोध भी हो चुका है।
जब भारत का नहीं मिला था वीजा
रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2012 से जगमीत सिंह भारतीय खुफिया एजेंसियां के रडार पर हैं। वहीं, खुफिया एजेंसी रॉ की एक विशेष रिपोर्ट के आधार पर साल 2013 में उन्हें भारत-विरोधी रुख की वजह से वीजा नहीं दिया गया था। रॉ ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि जगमीत सिंह पाकिस्तान से संचालित खालिस्तानी संगठनों का वित्तपोषण कर रहा था। इसके अलावा यूरोप के अलग-अलग देशों में स्थिति खालिस्तानी और कश्मीरी अलगाववादी समूहों से जगमीत सिंह का जुड़ाव है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जगमीत सिंह खालिस्तानी और कश्मीरी अलगाववादियों को कनाडा में एक मंच पर लाने की कवायद कर रहे हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने अपने आवास पर एक बैठक भी बुलाई थी।
इतना ही नहीं जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त किया तो जगमीत सिंह ने पाकिस्तान के एजेंडे का समर्थन किया और विभिन्न स्थानीय मीडिया प्लेटफॉर्मों के माध्यम से भारत विरोधी बयान दिए और मानवाधिकार उल्लंघन का भी आरोप लगाया था।