By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 06, 2019
नयी दिल्ली। सरकार ने मंत्रिमंडल की जिन आठ समितियों का गठन किया है, गृह मंत्री अमित शाह उन सभी में शामिल हैं और इससे नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उनका महत्व प्रदर्शित होता है। इन समितियों का ब्यौरा बृहस्पतिवार को जारी किया गया। शाह जहां इन सभी समितियों में शामिल हैं, वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक को छोड़कर सभी समितियों की सदस्य हैं। आर्थिक मंदी को लेकर जतायी जा रही चिंताओं के बीच सरकार ने निवेश, वृद्धि, रोजगार और कौशल विकास जैसे मुद्दों से निपटने के लिए दो नयी समितियों का गठन किया है। इसके अलावा छह समितियों का पुनर्गठन किया है।
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पूर्ववर्ती सरकार में गृह मंत्री और मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले छह समितियों के सदस्य थे लेकिन अब वह सिर्फ दो समितियों- आर्थिक मामलों और सुरक्षा संबंधी समितयों के सदस्य हैं। वह राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति के सदस्य नहीं हैं। भाजपा के अध्यक्ष शाह के सरकार में भी होने पर कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि नयी सरकार में शाह दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होंगे।
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नयी नियुक्ति ने उनकी स्थिति को और मजबूत बना दिया है। शाह ने चार जून को कच्चे तेल से संबंधित मुद्दों पर सीतारमण के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई कैबिनेट मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक की अध्यक्षता की थी। राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि छह समितियों में विभागों को लगभग समान महत्व मिले। पहले की सरकार में यह व्यवस्था थी और गृह मंत्री के रूप में सिंह सभी छह समितियों के सदस्य थे। पिछली सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली सभी समितियों के सदस्य थे।