By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 01, 2019
लखनऊ। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता को लेकर कुछ राजनीतिक दलों की आपत्तियों पर कहा कि देश में ईवीएम को फुटबॉल बना दिया गया है। अरोड़ा ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों के बारे में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में दो दशकों से ज्यादा समय से ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर हम 2014 के लोकसभा चुनाव को लें तो ईवीएम से एक नतीजा आया। उसके चार महीने बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव में नतीजा बिल्कुल दूसरा आया।
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उन्होंने कहा कि हमने जाने-अनजाने में ईवीएम को पूरे देश में फुटबॉल बना दिया। अगर रिजल्ट एक्स है तो ईवीएम ठीक है, अगर नतीजा वाई है तो ईवीएम खराब है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इसके बाद भी हमने लोगों की भावना का संज्ञान लेते हुए वीवीपैट की व्यवस्था की। इसमें कुछ शुरुआती दिक्कतें आयीं। मगर उनकी भी व्यवस्था कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि देश में मतपत्रों से मतदान की व्यवस्था बहाल नहीं की जाएगी।
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अरोड़ा ने कहा कि ईवीएम का निर्माण रक्षा उपकरण बनाने वाली हाईली सिक्योर कम्पनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड (ईसीआईएल) करती हैं। ईवीएम की व्यवस्था की निगरानी के लिये एक तकनीकी परामर्शदात्री समिति है, जिसके पास निर्णायक शक्ति है। वह ताकत चुनाव आयोग के पास भी नहीं है। उस समिति में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ शामिल हैं, लिहाजा संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है।