By अभिनय आकाश | May 30, 2025
अधिकतर देशों में खेल जगत के सितारे, सेलिब्रेटी, इंफ्लूएंशर्स और राजनेता की रैली में उन्हें सुनने के लिए प्रशंसकों की भीड़ आती है। लेकिन पाकिस्तान के मामले में कहानी थोड़ी उलट है। हो भी क्यों न, आखिर देश की दुनिया में अनूठा है। पड़ोसी मुल्क के मामले में तमाम स्टार्स और पॉलिटिशियंस नहीं बल्कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े आतंकवादी भीड़ को अपनी ओर खिंचने का काम करते हैं। पहलगाम में 26 हत्याओं का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में खुले मंच से एक बयान दे रहा है। वो कह रहा है कि भारत ने मुझपर पहलगाम हमले का इल्जाम लगाया। अब पूरी दुनिया मेरा नाम जानती है। 28 मई से ये बयान छाया हुआ है। जिस मंच से सैफुल्लाह कसूरी ने ये बातें कहीं हैं। आसपास कई लोग बैठे नजर आए। पाकिस्तान का ये आतंकी शुरुआत में छिप छिप कर घूमता रहा। लेकिन अब ये सरेआम मंचों पर दिख रहा है। हमने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसके बाद आतंकी ठिकाने ध्वस्त हो गए। लेकिन ये तस्वीर अभी भी गवाही दे रही है कि पाकिस्तान सुधरने वाले मुल्कों में से नहीं है। किस तरह से शहबाज के दो मंत्री मंच पर आतंकियों के साथ बैठे नजर आए। पाकिसतान अपनी जमी से आतंकवाद को फैला रहा है। पाकिस्तान का आतंकियों को समर्थन वाला चेहरा भी बेनकाब हो रहा है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का कसूर जिला जहां एक सार्वजनकि रैली में सैफुल्लाह के साथ साथ लश्कर ए तैयबा को बनाने वाले हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद भी नजर आया। लेकिन सबसे दिलचस्प तो इन आतंकियों के बीच शहबाज सरकार के दो मंत्रियों की मौजूदगी रही। सेना से जुड़े कुछ लोग भी इस दौरान नजर आए।
आतंकियों का मेला
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर सैफुल्लाह कसूरी जब मंच पर भाषण दे रहा था तो पाकिस्तान के खाद्य मंत्री मलिक रशीद अहमद खान और पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष मलिक मुहम्मद अहमद खान वहीं कुर्सी पर बैठकर उसका भाषण सुन रहे थे। पाकिस्तान के परमाणु परीक्षणों के वार्षिक स्मरणोत्सव यौम-ए-तकबीर के अवसर पर पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) द्वारा रैली आयोजित की गई। ये वो दिन है जब पाकिस्तान अपने परमाणु परिक्षण की वर्षगांठ मनाता है। लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी भारत के खिलाफ अपनी नापाक मंशा जाहिर की गई है और इसके साथ ही आतंकियों को पाकिस्तान ने अपना राष्ट्रीय प्रतीक बताया है। आयोजन के बीच सैफुल्लाह कसूरी मंच पर आकर 24 मिनट लंबा भाषण देता है। वो कहता है कि पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड बताया गया, अब मेरा नाम पूरी दुनिया में मशहूर है। भीड़ को संबोधित करते हुए कसूरी ने मुदस्सिर शहीद के नाम पर बहावलपुर के इलाहाबाद में एक सेंटर, सड़क और अस्पताल बनाने की योजना की घोषणा की। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, मुदस्सिर अहमद पहलगाम नरसंहार के बाद भारत के जवाबी 'ऑपरेशन सिंदूर' हमलों में मारे गए कई हाई-प्रोफाइल आतंकवादी गुर्गों में से एक था। कसूरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले के भाषण का संदर्भ देते हुए आगे कहा कि वह गोलियों से नहीं डरता। कसूरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी समझते हैं हम गोलियों से डरने वाले हैं? ये उसकी भूल है। लश्कर-ए-तैयबा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और पाकिस्तान के भीतर प्रतिबंधित है, पीएमएमएल जैसे समूहों ने इसके नेतृत्व को राजनीतिक और वैचारिक प्रासंगिकता बनाए रखने में सक्षम बनाया है।
आतंकियों की रैली सुनने के लिए शहबाज के मंत्री भी आते हैं
इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि रैली करने वाले आतंकवादी में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ-साथ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे। कसूरी लगातार भारत विरोधी टिप्पणियाँ कर रहा था तो पाकिस्तान के खाद्य मंत्री मलिक रशीद अहमद खान और पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष मलिक मुहम्मद अहमद खान दोनों ही भीड़ में मौजूद थे। मंत्रियों ने व्यक्तिगत रूप से कसूरी का मंच पर स्वागत किया और उन्हें गले लगाया। मंत्री मलिक रशीद ने खुले तौर पर घोषणा की कि आज 24 करोड़ पाकिस्तानियों का प्रतिनिधित्व हाफ़िज़ सईद और सैफुल्लाह कसूरी जैसे लोग कर रहे हैं।
बदनाम हुआ तो क्या नाम तो हुआ
रैली में कसूरी के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी तल्हा सईद भी शामिल हुआ। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद ने भी भारत के खिलाफ जहर उगलने में कोई कमी नहीं छोड़ी। 28 मई को आयोजित रैली के वीडियो क्लिप में तल्हा सईद को अन्य राजनेताओं के साथ मंच पर पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष मलिक अहमद खान का स्वागत करते हुए दिखाया गया है। हाफिज सईद के साथ-साथ फील्ड मार्शल असीम मुनीर के पोस्टर भी इस रैली में लगे हुए थे। रैली के दौरान उसने कहा कि आज पाकिस्तान से भारत के लिए एक संदेश आया है। हमने 'ऑपरेशन बनयान अल-मर्सस' में जीत हासिल की है और अल्लाह को यहां हमारी मौजूदगी स्वीकार करनी चाहिए। मैं मंच पर मौजूद पंजाब विधानसभा के स्पीकर मलिक अहमद खान, मलिक राशिद खान और सैफुल्लाह खालिद का शुक्रिया अदा करता हूं। मैं अपने पिता हाफिज सईद की ओर से पाकिस्तान के लोगों को भी सलाम करता हूं। मैं यहां आपको यह बताने आया हूं कि भगवान जिहाद करने वालों से प्यार करते हैं। आपको बता दें कि लगभग 50 वर्षीय तल्हा लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ नेता है और प्रतिबंधित संगठन के मौलवी विंग का प्रमुख है। भारत ने पाया है कि वह भारत में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा भर्ती, धन संग्रह, योजना बनाने और हमलों को अंजाम देने तथा अफगानिस्तान में भारतीय हितों के लिए सक्रिय रूप से शामिल है। तल्हा ने पहलगाम आतंकी हमले को भी ‘ड्रामा’ बताया और कहा कि उनके पिता राज्य के शांतिपूर्ण संरक्षण में हैं, जिससे पाकिस्तान के आतंकवाद घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है। तल्हा पहले भी पाकिस्तान में अन्य रैलियों में दिखाई दे चुके हैं। इससे पहले फरवरी में उन्होंने लाहौर में पाकिस्तान के तथाकथित ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ पर एक रैली में भड़काऊ भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने “किसी भी कीमत पर कश्मीर को भारत से आजाद कराने” की कसम खाई थी।
हाफ़िज़ सईद का भारत विरोधी बयान
कसूरी और तल्हा सईद की रैली से पहले आतंकवाद पर पाकिस्तान का दोहरा चेहरा तब उजागर हुआ जब 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद को मंच पर आकर भारत के खिलाफ़ बोलने की अनुमति दी गई। पिछले कुछ सालों में, 2018 और 2019 में हाफ़िज़ सईद ने कई रैलियाँ की हैं, जिसमें उसने अपने अनुयायियों से भारत के कथित कश्मीरियों पर कार्रवाई के खिलाफ़ खड़े होने का आग्रह किया है। उसे पाकिस्तानी मंत्रियों के साथ सार्वजनिक स्थान साझा करते हुए भी देखा गया है। सितंबर 2018 में पाकिस्तान के धार्मिक मामलों और अंतर-धार्मिक मामलों के मंत्री नूर-उल-हक कादरी ने सईद के साथ एक मंच पर भी वो नजर आ चुका है। उसी वर्ष दिसंबर में पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री शहरयार खान अफ़रीदी ने हाफ़िज़ सईद और उसके आतंकी संगठन को अपनी सरकार का खुले तौर पर समर्थन व्यक्त किया था। सितंबर 2013 में 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखने वाला आतंकवादी, इस्लामाबाद में एक रैली में खुलेआम दिखाई दिया। 10,000 से ज़्यादा लोगों को संबोधित करते हुए उसने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत हमसे बहुत नाराज़ हैं। इसका मतलब है कि अल्लाह हमसे बहुत खुश है। हम कश्मीर की आज़ादी के लिए हर बलिदान के लिए तैयार हैं।
जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर ने भारत के खिलाफ जिहाद का किया आह्नान
फरवरी 2014 में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रमुख मसूद अजहर, जो भारत में 2001 के संसद हमले के पीछे का व्यक्ति था, ने भी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक रैली में देश के खिलाफ जहर उगला था। रैली में उसके हजारों समर्थक शामिल हुए थे, जिन्हें बसों से कार्यक्रम स्थल तक लाया गया था। भारत ने इस्लामाबाद के साथ इस मुद्दे को उठाया, तो विदेश कार्यालय ने उसकी उपस्थिति को एक बार की घटना बताकर कमतर आंकने की कोशिश की। अज़हर के सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह कोई आकस्मिक घटना नहीं लगती। उन्होंने इस घटना को विश्व समुदाय और पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए “परेशान करने वाली घटना” बताया।
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