By रेनू तिवारी | Aug 03, 2022
एक समय आया था जब रानू मंडल और फरमानी जैसे गुमनाम कला को सोशल मीडिया ने पहचाना और इतना वायरल किया कि उनकी कला के बारे में भारत के अधिकतर लोगों को पता चल गया। फरमानी की आवाज इतनी खूबसूरत थी कि उन्हें इंडियन आइडल जैसे मंच पर भी गाना गाने का मौका मिला। फरमानी की आवाज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। फरमानी की खास बात यह है कि उन्होंने गाना गाना कहीं से सीखा नहीं है, फरमानी एक बहुत ही गरीब और छोटे से गांव ताल्लुख रखती है। मुजफ्फरनगर की मुस्लिम महिला गायिका फरमानी नाज अब मुश्किल में हैं क्योंकि उनके ही समुदाय के लोग उनसे नाराज हैं। हाल ही में सावन में फरमानी नाज से हर हर शंभू गाना गाया था जो काफी वायरस हुआ था। इसके अलावा फरमानी ने मुस्लिम होने के बाद भी सावन में कई शिव भजन गाये। अब मुस्लिम होने के बाद भी हिंदू के पूजनीय भगवान शिव के गानेा गाने से मौलाना नाराज हो गये हैं और फरमानी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है।
शिव भजन गाने के लिए देवबंद उलेमाओं का गुस्सा निकाला है। देवबंद उलेमाओं के गुस्से पर 30 वर्षीय फ़रमानी नाज़ ने अपनी बात रखी और कहा कि वह जो रप रही हैं उसे करने में कुछ भी गलत नहीं है। मैं कलाकार हूं और कलाकार जब काम करता है तो उसका कोई धर्म नहीं होता। मैं काम करती हूं जिससे मुझे पैसा मिलता है और मेरा घर चलता हैं। यहां हिंदू-मुस्लिम मैं नहीं कर सकती हूं। जरूरी नहीं है कि मैं मुस्लिम हूं तो मैं केवल मुस्लिम गाने ही गा सकती हैं। मुझे मेरे बेटे का इलाज करवाना है इस लिए मैं गाना गाकर पैसे कमा रही हैं।
अपने बीमार बेटे के इलाज करवाने के लिए फरमानी ने गाना गाना शुरू किया था लेकिन लोगों को उनकी आवाज इतनी पसंद आयी कि फरमानी नाज़ 3.8 मिलियन से अधिक अनुयायियों के साथ एक इंटरनेट सनसनी बन गईं। 23 जुलाई को उन्होंने भजन 'हर हर शंभू' की अपनी प्रस्तुति पोस्ट की, जिसे अब तक 9,20,000 से अधिक बार देखा जा चुका है। हाल ही में हरिद्वार की यात्रा के दौरान कांवड़ियों ने इसे बड़े पैमाने पर बजाया। जल्द ही उन्हें कई देवबंद उलेमाओं से आलोचना का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उनसे "आल्लाह से क्षमा मांगने" के लिए कहा।