By संतोष उत्सुक | Oct 15, 2025
विदेशों में किए गए अध्ययन मुझे हमेशा आकर्षित, प्रभावित और द्रवित करते रहे हैं। वह बात दीगर है कि हमारे लोकप्रिय नेता कुछ अंतराल के बाद यह कहते रहते हैं कि स्वदेशी अपनाओ और जीवन चलाओ लेकिन, होता कुछ ऐसा है कि विदेशी वस्तुओं, वाइन और वूमेन का आकर्षण बढ़ता ही जाता है। विदेशी तकनीक ज़िंदगी में इतनी ज़्यादा भीतर तक घुस आई है कि जितनी बार पूछेंगे बता सकते हैं। वैसे तो इस तरह की तकनीक हमारे यहां सदियों पहले थी लेकिन यहां आए विदेशी शासकों ने उसे तहसनहस कर दिया था। हम खुद भी अपना काफी कुछ भूल गए थे। अब याद आता रहता है तो हमारे नेता याद दिलाते रहते हैं कि स्वदेशी अपनाओ और आनंद पाओ। वह बात दीगर है कि सुधरना मुश्किल होता है और बिगड़ना आसान।
अब यह, विदेशी छोडो और स्वदेशी जोड़ो के विशुद्ध नारे के कारण मानसिक शांति बर्बाद होने लगी है। व्यक्ति नाश्ता करने के बाद निश्चय करता है कि आज रात को खाना जल्दी खाएगा, थोडा टहलेगा, एक दो भजन सुनकर फोन बंद कर दूर रख देगा और सो जाएगा। कल सुबह ब्रह्म मुहर्त में उठ जाएगा लेकिन हो नहीं पाता। विदेश में किया एक अध्ययन भी, भारतीय शैली में, दिमाग की शांति उगाने का फार्मूला बता रहा है। दिलचस्प यह है कि विदेशियों ने सुबह के तीन बजे के आस पास के समय को मस्तिष्क के लिए सबसे असुरक्षित माना। इत्तफाक से यह समय हमारे ब्रह्ममुहर्त के आसपास का ही है। उनके अनुसार इस समय चिंता और डर बढ़ा हुआ होता है, संभवत तभी इस समय को हमारे यहां बिस्तर छोड़ने के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
उन्होंने अपने हिसाब से कुछ नुक्ते सुझाए हैं ताकि शांति बनी रहे। उनके अनुसार दिन ढलने से पहले कागज़ पर लिख लें कि किन बातों पर आपका नियंत्रण है और किन पर नहीं। जिन पर है उन्हें अगले दिन की कार्यसूची में डालें बाक़ी को भूल जाएं, इससे चिंता स्थगित हो जाएगी। कोई किताब पढ़ें या खेल खेलें इससे दिमाग़ चिंता से बाहर निकलेगा। पास रखे पत्थर, लकड़ी या कपडे के टुकड़े को छूएं, धीरे धीरे पानी पिएं, हल्का संगीत सुनें, यह बेचैनी कम करेगा। करवटें न बदलें, उठकर मंद रोशनी में कुछ करें, जैसे कपड़े तह करना या ड्राअर का सामान ठीक करना, इससे दिमाग बिस्तर को नींद से जोड़ेगा। दिन की मामूली बात रात को बड़ी लगती है, खुद से कहें सुबह देखेंगे। खुद से कहते रहें, सब ठीक हो जाएगा, सब ठीक रहेगा, सबसे पहले आराम ज़रूरी है, इससे मन स्थिर होगा। आखिरी सलाह है यदि कभी कभी नींद उचाट हो तो कोई बात नहीं। नींद टूटना सामान्य बात है, कोशिश करें आ जाएगी।
उनकी सारी बातें ठीक है लेकिन, इस मामले में हमें महा स्वदेशी फार्मूला ही ज्यादा सफलता दिलाएगा। हमारे अस्त व्यस्त और मस्त जीवन में सबसे सफल फार्मूला है, देर रात तक डाटा का मनचाहा प्रयोग जिससे सबसे ज्यादा शांति मिलती है। दूसरा उपाय है, मनचाहे पेय का डेली डोज़, जिसमें दूध भी शामिल है। एक बार इनकी आदत पड़ जाए तो मन खुद ही शांति ग्रहण कर लेता है। इस मामले में ज्यादा परेशान होकर, विदेशी उपाय करने की ज़रूरत नहीं, पता नहीं, उनकी सलाह कारगर भी है या नहीं।
- संतोष उत्सुक