By अनुराग गुप्ता | Mar 01, 2021
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है और इसका नेतृत्व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीका लगवाकर किया है। इसी बीच एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना टीका लगवाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि जब हमारी बारी आए तो हमें आगे आकर टीका लगवाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के और गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 साल के लोगों को टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। यह महामारी से बचने का एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में निर्मित कोवैक्सीन की डोज ली और जो यह दर्शाता है कि दोनों टीके पूरी तरह से सुरक्षित और कारगर हैं।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि टीकाकरण के लिए हमें आगे आना चाहिए और जो भी टीका उपलब्ध हो, उसकी डोज लगवानी चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में डॉ. गुलेरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री जी टीकाकरण से पहले नर्सिंग स्टाफ को सहज रखना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने पहले उनसे मजाक किया और फिर स्थानीय भाषा में उनसे बात की और फिर उन्होंने उनसे पूछा कि वे कहां से हैं।
डॉ. गुलेरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री के इस व्यवहार से मदद मिली क्योंकि नर्सिंग स्टॉफ को यह नहीं पता था कि वह किसको टीका लगाएंगी। उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा टीका लगवाना एक बड़ा गेम-चेंजर होगा। मुझे विश्वास है कि बड़ी संख्या में लोग आगे आएंगे और टीका लगवाएंगे। हमने सरकारी और निजी क्षेत्रों दोनों में लोगों को समायोजित करने के लिए टीकाकरण की व्यवस्था की है। इसके अलावा एम्स में पांच जगह पर इसकी व्यवस्थाएं की गईं हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सुबह अचानक से एम्स पहुंचे, जहां पर उन्होंने डॉ. रणदीप गुलेरिया की उपस्थिति में भारत बॉयोटेक का कोवैक्सीन टीका लगवाया। प्रधानमंत्री को टीका पुडुचेरी की नर्स ने लगाया था।