By नीरज कुमार दुबे | Jul 22, 2025
भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई के बीच हुए सैन्य टकराव के बाद दोनों देशों के बीच भले ही युद्ध विराम लागू हो गया हो, लेकिन दोनों ही देशों के बीच ‘छाया युद्ध’ यानी Shadow Boxing लगातार जारी है। ताजा संकेत दोनों देशों द्वारा अपने-अपने सीमावर्ती हवाई क्षेत्र को सैन्य अभ्यासों के लिए सुरक्षित रखने की घोषणाओं से मिले हैं। हम आपको बता दें कि दोनों ही देशों ने अपने-अपने NOTAM (Notice to Airmen) जारी किए हैं, जो यह दर्शाता है कि सैन्य तैयारी जारी है।
हम आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना की South Western Air Command 23 जुलाई से 25 जुलाई के बीच राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में एक महत्वपूर्ण हवाई युद्धाभ्यास करने जा रही है। यह वही क्षेत्र है जो पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा हुआ है। भारत की यह कवायद साफ तौर पर इस संदेश को दोहराती है कि उसकी सुरक्षा तैयारियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।
वहीं भारत के जवाब में पाकिस्तान ने भी अपने मध्य और दक्षिणी हिस्सों के लिए 22-23 जुलाई तक NOTAM जारी किया है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान भी सैन्य गतिविधियों और तैयारियों में पीछे नहीं रहना चाहता। दोनों देशों के इस सैन्य तनावपूर्ण वातावरण में सतर्कता और शक्ति प्रदर्शन की नीति बरकरार है।
हम आपको याद दिला दें कि 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और POK (पाक अधिकृत कश्मीर) में कुल 9 आतंकी ठिकानों पर गहरी और सटीक हवाई हमले किए थे। इस कार्रवाई में भारत ने साफ कर दिया था कि उसका मकसद सिर्फ आतंकी ढांचे को नष्ट करना है, न कि पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला करना।
इसके बावजूद पाकिस्तान ने इसे आक्रामकता के रूप में लिया और जवाबी कार्रवाई के तहत ड्रोन और मिसाइलों के जरिये भारत के एयरबेस, सैन्य ठिकानों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाया था। इसका जवाब देते हुए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम से कम 9 एयरबेस और 3 रडार साइट्स को सफलतापूर्वक निशाना बनाया था, जिनमें से कुछ परमाणु प्रतिष्ठानों और कमांड एंड कंट्रोल ढांचे के नजदीक थे।
इन हमलों में भारत ने Su-30MKI, राफेल और मिराज-2000 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था, साथ ही BrahMos, Crystal Maze-2, Rampage और Scalp जैसी आधुनिक मिसाइलों का भी प्रयोग हुआ था। भारतीय हमलों की खासियत यह रही कि हर हमला सटीक, लक्षित और योजनाबद्ध था।
दूसरी ओर, दोनों देशों की ओर से किए जा रहे ये सैन्य अभ्यास इस बात का संकेत भी हैं कि मई के संघर्ष के बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं। भारत जहां अपनी तैयारी और आक्रामक सैन्य क्षमताओं को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित कर रहा है, वहीं पाकिस्तान भी अपनी सैन्य सक्रियता को कम नहीं दिखाना चाहता।
देखा जाये तो यह छाया युद्ध केवल सैन्य रणनीति तक सीमित नहीं है। भारत इन अभ्यासों के जरिये पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट संदेश दे रहा है कि यदि आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वह दोबारा भी ऐसी ही सैन्य कार्यवाहियां करने में संकोच नहीं करेगा। वहीं पाकिस्तान अपनी आंतरिक अस्थिरता और आर्थिक संकट के बावजूद यह दिखाना चाहता है कि वह सैन्य दृष्टि से कमजोर नहीं है।
बहरहाल, भारत और पाकिस्तान के बीच यह छाया युद्ध दर्शाता है कि सीमा पर भले ही बंदूकें कुछ समय के लिए शांत हो जाएं, लेकिन कूटनीति और सैन्य तैयारी के स्तर पर तनाव कायम है। भारत स्पष्ट रूप से अपने आतंकवाद विरोधी रुख और सैन्य श्रेष्ठता को दोहराने में पीछे नहीं हट रहा है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच यह शक्ति प्रदर्शन का खेल जारी रहेगा, जिसमें कूटनीति और सैन्य रणनीति दोनों ही अहम भूमिका निभाएंगे।