पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा में लगी सेंध? किराना हिल्स पर भारत की स्ट्राइक के सबूत सामने आए

Operation Sindoor
ANI

हम आपको बता दें कि पाकिस्तान के सर्गोधा क्षेत्र के पास स्थित किराना हिल्स लंबे समय से उसके गुप्त परमाणु कार्यक्रम और रिसर्च के केंद्र के तौर पर जाना जाता है। यहां 1980 के दशक में उप-परमाणु परीक्षण भी किए जा चुके हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच मई महीने में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान भारत ने पाकिस्तान की किराना हिल्स पर स्ट्राइक की थी। ऐसा दावा सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों ने किया है। हम आपको बता दें कि यह खुलासा अपने आप में इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि किराना हिल्स में ही पाकिस्तान के परमाणु बमों का ठिकाना माना जाता है। हम आपको यह भी बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा करते रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध हो सकता था। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हमला उसके परमाणु हथियारों को नष्ट करने के उद्देश्य से नहीं बल्कि उसको चेतावनी देने के लिए किया था और इसके जरिये दुश्मन को साफ और स्पष्ट संदेश दिया था कि उसके परमाणु ठिकाने सुरक्षित नहीं हैं।

हम आपको याद दिला दें कि भारतीय वायुसेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर उस समय भारत ने दावा किया था कि उसने पाकिस्तान के कुछ महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर हमला किया। हालांकि, भारतीय वायुसेना ने तब किराना हिल्स जैसे संवेदनशील न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाए जाने से इंकार कर दिया था। लेकिन अब गूगल अर्थ की ताजा तस्वीरों और सैटेलाइट इंटेलिजेंस विश्लेषक डेमियन साइमोन के विश्लेषण ने यह संकेत दे दिया है कि भारत ने सच में पाकिस्तान के इस रणनीतिक स्थल पर हमला किया था।

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हम आपको बता दें कि पाकिस्तान के सर्गोधा क्षेत्र के पास स्थित किराना हिल्स लंबे समय से उसके गुप्त परमाणु कार्यक्रम और रिसर्च के केंद्र के तौर पर जाना जाता है। यहां 1980 के दशक में उप-परमाणु परीक्षण भी किए जा चुके हैं। किराना क्षेत्र के भीतर सुरंगें, भूमिगत भंडारण और रडार स्टेशन इसकी सामरिक महत्ता को और बढ़ाते हैं। यही वजह है कि भारत द्वारा यहां स्ट्राइक की संभावना को पाकिस्तान और वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञ बेहद गंभीर मान रहे हैं।

हम आपको याद दिला दें कि 9-10 मई 2025 की रात को भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य सटीक हथियारों से पाकिस्तान के 13 में से 11 बड़े एयरबेस को नुकसान पहुंचाया था। इसका उद्देश्य केवल बदला लेना नहीं, बल्कि पाकिस्तान के वायु रक्षा नेटवर्क को अपंग करना और उसकी परमाणु-संबंधी आक्रामक मंशाओं को एक संदेश देना था। किराना हिल्स पर हमला (या चेतावनी स्वरूप हमला) इसी व्यापक रणनीति का हिस्सा दिखता है।

विशेषज्ञ डेमियन साइमोन के मुताबिक, गूगल अर्थ की जून 2025 की तस्वीरों में स्पष्ट रूप से किराना हिल्स पर मिसाइल इम्पैक्ट साइट दिखाई दे रही है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमला उस स्थल पर नहीं हुआ जहां गहरी सुरंगें या न्यूक्लियर भंडारण हो, बल्कि पहाड़ी के एक हिस्से पर हुआ है जो संभवतः ‘सिर्फ चेतावनी’ के तौर पर चुना गया था।

दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान ने इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, संभवतः इसलिए कि यदि किराना हिल्स पर हमला स्वीकार किया जाता, तो उसकी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता की पोल खुल जाती। वहीं भारत ने भी आधिकारिक रूप से इसे नकारा और वायुसेना अधिकारी एयर मार्शल ए.के. भारती ने किराना हिल्स पर 'मुस्कान’ के साथ नहीं में जवाब दिया, जिससे यह सवाल और गहरा गया था।

देखा जाये तो इस घटना से तीन प्रमुख बातें सामने आईं- 1. भारत अब पाकिस्तान के तथाकथित न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी निशाना बनाने की हिम्मत और क्षमता रखता है। 2. पाकिस्तान की वायु सुरक्षा और परमाणु साइट्स पर भारत की निगरानी व इंटेलिजेंस क्षमता पहले से कहीं मजबूत है। 3. भारत ने इस स्ट्राइक के माध्यम से यह संदेश दिया कि अगर पाकिस्तान अपनी आतंक नीति नहीं बदलेगा तो अब ‘न्यूक्लियर कार्ड’ भी भारत को नहीं डरा सकेगा।

हम आपको बता दें कि किराना हिल्स और सर्गोधा (अब मुशाफ एयरबेस) जैसे ठिकानों पर हुए हमलों के बाद पाकिस्तान की चिंता कई गुना बढ़ चुकी है। एक ओर उसे अपनी वायु रक्षा प्रणाली के कमज़ोर होने की हकीकत समझ आ गई है तो दूसरी ओर उसकी परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर भी वैश्विक संदेह गहरा गया है। सर्गोधा एयरबेस की रनवे की मरम्मत से यह भी साफ हो गया कि भारत के हमले ने वहां वास्तविक रूप से बड़ा नुकसान पहुंचाया था। पाकिस्तान के यह दावे कि उसने भारत के आदमपुर एयरबेस पर हमला कर रूस निर्मित S-400 सिस्टम को तबाह किया था, पहले ही झूठ साबित हो चुके हैं। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदमपुर दौरा और S-400 के साथ तस्वीर भी पाकिस्तान की ‘प्रोपेगेंडा फैक्ट्री’ को एक्सपोज कर चुका है।

हम आपको याद दिला दें कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले पड़ोसी देश के नेता बार-बार कह रहे थे कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति संपन्न देश है, इसलिए कोई उस पर आसानी से हमला नहीं कर सकता है। पाकिस्तान के नेता कभी सोशल मीडिया पर तो कभी मीडिया को दिये जा रहे बयानों में कह रहे थे कि अल्लाह ने पाकिस्तानी सेना को देश की रक्षा के लिए ताकत दी है इसलिए भारत हमारी ओर आंख उठा कर नहीं देखे। पाकिस्तानी मंत्री कह रहे थे कि हमारे 130 परमाणु बम सजावट के लिए नहीं रखे हुए हैं। लेकिन भारत पर इन धमकियों का कोई असर नहीं हुआ था। दरअसल भारत की नीति है कि पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे लेकिन अगर हम पर परमाणु हमला हुआ तो जरूर जवाब देंगे। यह नीति कागजों में आज भी कायम है लेकिन मोदी सरकार के मंत्री तमाम अवसरों पर कहते रहे हैं कि परमाणु हमला पहले करना है या नहीं यह सब कुछ परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। इसके अलावा भारत ने कभी यह भी नहीं कहा था कि वह दुश्मन के परमाणु केंद्र पर हमला नहीं करेगा। इसलिए पाकिस्तान के किराना हिल्स पर हमला करके एक संदेश दिया गया।

बहरहाल, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और किराना हिल्स के घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान के बीच भविष्य की सैन्य रणनीति का नया अध्याय खोल दिया है। भारत ने जहां अपनी सैन्य क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया, वहीं पाकिस्तान की ‘न्यूक्लियर सुरक्षा’ की हकीकत और खोखले दावे भी उजागर हुए। आने वाले समय में पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा रणनीति पर गंभीर पुनर्विचार करना होगा, क्योंकि अब भारत की ‘लक्ष्मण रेखा’ सिर्फ LOC तक सीमित नहीं रह गई है।

-नीरज कुमार दुबे

(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
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