सप्ताहांत की पाबंदियों से जम्मू-कश्मीर के व्यापारी परेशान, प्रशासन से फैसले पर पुनर्विचार की अपील

By नीरज कुमार दुबे | Jan 18, 2022

जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,827 नए मामले सामने आए हैं और संक्रमण से पांच और लोगों की मौत हो गयी है। अधिकारियों के मुताबिक, सोमवार को सामने आए नए मामलों में जम्मू संभाग में 1,093 जबकि कश्मीर संभाग में 1,734 मामले सामने आए। इस समय जम्मू-कश्मीर में 17,928 मरीज उपचाराधीन हैं। दूसरी ओर केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते लगे वीकेंड लॉकडाउन से जम्मू के कारोबारी परेशान नजर आ रहे हैं और प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं। प्रभासाक्षी संवाददाता से बातचीत करते हुए जम्मू के व्यापारियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था पहले से ही संघर्ष कर रही है ऐसे में सप्ताहांत पर लगायी गयी पाबंदियां नई परेशानियां खड़ी कर रही हैं।

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जम्मू के व्यापारियों ने कहा कि यह कारोबार का पीक सीजन है इसलिए सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना को रोकना है तो वह दो दिन की तालाबंदी से नहीं रूकेगा। कारोबारियों का यह भी कहना है कि जम्मू-कश्मीर में अन्य राज्यों की अपेक्षा संक्रमण के मामले बेहद कम हैं लेकिन पाबंदियां बहुत ज्यादा हैं।


दुष्प्रचार फैलाने वालों पर कार्रवाई


इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान प्रायोजित एजेंसियां केंद्र शासित प्रदेश में शांति भंग करने के लिए मनगढ़ंत खबरें सोशल मीडिया पर प्रसारित कर रही हैं। दिलबाग सिंह ने कहा कि इस तरह के दुष्प्रचार से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोह सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के वास्ते शांति के दुश्मनों की "नापाक योजनाओं" को विफल करने का विश्वास जताया और इसके लिए एक समन्वित निगरानी प्रणाली और सुरक्षा मजबूत करने का भी प्रस्ताव रखा। हम आपको बता दें कि पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह विभिन्न मोर्चों पर पुलिस के समग्र कामकाज की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस संबंध में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बैठक के दौरान आगामी गणतंत्र दिवस की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। डीजीपी ने कहा, ‘‘कुख्यात अपराधों में शामिल तत्वों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।"

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महबूबा का आरोप


पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि कश्मीर प्रेस क्लब में संकट उस संस्था को बंद करने के लिए “सुनियोजित” प्रतीत होता है जिसने पत्रकारों के लिए स्वतंत्र रूप से बहस करने और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक माध्यम के रूप में काम किया। उनकी टिप्पणी जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा यह कहे जाने के बाद आई है कि कश्मीर प्रेस क्लब का "अस्तित्व समाप्त" हो गया है। प्रशासन ने दो गुटों के बीच विवाद के बाद घाटी में सबसी बड़े पत्रकार संस्था को आवंटित परिसर को वापस ले लिया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडपी) की प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि समूचा घटनाक्रम उस संस्था को बंद करने के लिए ‘‘सुनियोजित’’ प्रतीत होता है जिसने पत्रकारों के लिए स्वतंत्र रूप से बहस करने और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक माध्यम के रूप में काम किया।

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