By अंकित सिंह | Jul 25, 2025
झारखंड सरकार द्वारा राज्य में अटल मोहल्ला क्लीनिकों का नाम बदलकर मदर टेरेसा एडवांस्ड हेल्थ क्लीनिक करने के फैसले पर भारी विवाद छिड़ गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे वोट बैंक की राजनीति के लिए किया गया कदम बताया है। राज्य में लगभग 140 अटल मोहल्ला क्लीनिक सक्रिय हैं और ये लोगों को मुफ्त प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। ये क्लीनिक पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए थे, और अब झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने इनका नाम बदल दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने कहा कि कैबिनेट ने अटल मोहल्ला क्लिनिक योजना का नाम बदलकर मदर टेरेसा एडवांस्ड हेल्थ क्लिनिक करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने अगस्त 2019 में राज्य की शहरी मलिन बस्तियों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दूर करने के लिए शुरू की थी। भाजपा ने अब झारखंड सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान बताया है। भाजपा प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी झारखंड राज्य के निर्माता थे। राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनका नाम हटाना न केवल भारत रत्न का, बल्कि झारखंड की आत्मा का भी अपमान है। राज्य की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस फैसले के लिए कांग्रेस की कड़ी आलोचना की और इसे वोट बैंक के लिए लिया गया फैसला बताया। उन्होंने इसे "ध्रुवीकरण का खेल" बताया। दुबे ने कहा, "अटल क्लिनिक अब मदर टेरेसा क्लिनिक होगा। कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के लिए धर्मांतरण और ध्रुवीकरण का कौन सा खेल खेल रही है... समझिए कि कल झारखंड में झारखंड को अलग राज्य बनाने वाले माननीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर चल रहे अस्पताल का नाम बदलकर एक विदेशी महिला मदर टेरेसा के नाम पर रख दिया गया।" बंगलादेशी को देश का वोटर बनाने की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ।