भोपाल। मध्यप्रदेश में पुरूष नसबंदी को लेकर उठे बवाल के बाद जहाँ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्वाज के आदेश को कमलनाथ सरकार ने वापस ले लिया है। वही विपक्ष के तेज होते हमले के बीच बैकफुट पर आई कमलनाथ सरकार अब इस पर लीपापोती की तैयारी में लग गई है। दरआसल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्वाज द्वारा पुरुष नसबंदी में लक्ष्य से पीछे रहने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश के बाद सियासत शुरू हो गई है। जिसके बाद कमलनाथ सरकार बैकफुट पर आ गई थी। जिसके चलते कमलनाथ सरकार ने आदेश रद्द करना पड़ा। सूत्रों की माने तो इस मामले के तोल पकड़ते ही सभी सीएमएचओ को फोन के जरिए मौखिक सूचना दे दी गई है और बताया गया है कि किसी का वेतन नहीं रोका जाएगा। हालांकि इसकी नियमित समीक्षा होगी।
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पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो इसे प्रदेश में आघोषित आपातकाल बताते हुए ट्वीट किया। शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा कि क्या ये कांग्रेस का अघोषित अपातकाल-2 है? अगर कर्मचारी अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे तो उन पर कार्यवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरा न होने पर वेतन रोकना और सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है। साथी उन्होने हैसटैग एमपी मांगे जवाब भी लिखा।
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