महंत नरेंद्र गिरि ने किया है आत्महत्या या फिर है कोई साजिश ! पुलिस ने बताई यह कहानी

By आरती पांडेय | Sep 21, 2021

प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं लोकप्रिय महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है। बताया यह भी जा रहा है कि उनका शव  अल्लापूरा में बाघमबारी गद्दी मठ के एक कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला। इस घटना में  अबतक कुछ साफ नहीं हो पाया लेकिन लोगों का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद ही इस घटना में  कोई कारण साफ हो पाएगा। इसके साथ ही 6 से 7 पेज का  एक सुसाइड नोट भी मिला है। आईजी केपी सिंह ने बातचीत में बताया कि सुसाइड नोट में महंत जी ने अपने  शिष्य आनंद गिरि समेत कुछ लोगों पर  उन्हें परेशान करने का गंभीर आरोप लगाया है। महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड करने पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने भी दुख प्रकट किया है। वहीं  डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हाई लेवल जांच करने की बात कही है। कहा जा रहा है कि सोमवार की दोपहर लगभग 1:00 बजे के आसपास महेंद्र नरेंद्र गिरी जिनकी उम्र 65 वर्ष थी उन्होंने शिष्यों के साथ मठ में भोजन ग्रहण किया था। भोजन ग्रहण करने के तत्पश्चात व अपने  कमरे में विश्राम करने के लिए गए थे।

 

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पुलिस ने बातचीत में बताया कि शाम 5:00 बजे तक तक दरवाजा नहीं खुला तो उनके शिष्यों  को थोड़ा डर सताने लगा और उन्हें आशंका हुई आवाज देने पर भी महंत जी ने दरवाजा नहीं खोला तो उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया और दरवाजा तोड़ने के बाद अंदर का दृश्य  काफी  भयावह था। इस दृश्य को देखते ही शिष्यों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस  पहुंचकर शव को नीचे उतारा।  मठ में  पुलिस के अलावा फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वाड, क्राइम ब्रांच की टीम  भी बुलाई गई तथा मठ के मेन दरवाजे को बंद कर दिया गया कमरे की  पूरी तरह से  तलाशी ली गई तो बिस्तर पर एक सुसाइड नोट मिला। जिस पर महंत नरेंद्र गिरी ने उनके शिष्य आनंद गिरि पर आरोप लगाते हुए लिखा था कि उनके शिष्य आनंद गिरि उन्हें बहुत परेशान करते हैं। वहीं  सुसाइड नोट के शक के दायरे में आए योग गुरु आनंद गिरि ने इस घटना को एक गहरी सजा साजिश बताते हुए इस पर निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। 


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आनंद गिरि का कहना है कि गुरु की जमीन संबंधी बहुत सारे विवाद चल रहे थे और जमीन संबंधी विवाद के कारण ही उनकी हत्या कर दी गई है और उनके इस हत्या को आत्महत्या का रूप दे दिया गया है। आनंद गिरी  ने आगे कहा कि इस साजिश में पुलिस  के एक बड़े अफसर एवं भू माफिया भी सम्मिलित है।  वहीं  खबरें ऐसी भी आ रही है कि  हरिद्वार में आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया है। आपको बता दें  महंत नरेंद्र गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे पहली बार यह   वर्ष 2014 में उज्जैन  और फिर 2019 में हरिद्वार के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष चुने गए थे।  माघ  महीने के कुंभ मेले का आयोजन में यह संतों की आवाज बनते थे और संतों की सुविधाओं का भी ध्यान रखते थे। रविवार को ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद भी महंत नरेंद्र गिरि से मिलने पहुंचे थे और उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। अगर बात की जाए महंत नरेंद्र गिरि कहां के थे तो वह मूल रूप से प्रयागराज की ही रहने वाले थे। जहां तक बात की जाए इनकी सुसाइड मामले की तो अभी तक इनकी सुसाइड मामले में कोई बड़ी खबर नहीं आई है। लेकिन इस जांच में पुलिसकर्मियों के  साथ-साथ बड़े टीम स्क्वायड भी जुड़े हुए हैं। जो लगातार यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर महंत नरेंद्र गिरि की मौत का सच क्या है।

 

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