मनमोहन सिंह को नहीं मिलेगी SPG की सुरक्षा, जानिए क्या है X, Y, Z, Z+ और SPG कैटेगरी?

By अंकित सिंह | Aug 26, 2019

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को प्राप्त एसपीजी सुरक्षा सरकार ने वापस ले ली है। 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे सिंह को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिलती रहेगी। एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समीक्षा किए जाने के बाद लिया गया है। ‘जेड प्लस’ सुरक्षा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल द्वारा दी जाने वाली उच्चतम सुरक्षाओं में से एक है। अब यह सुरक्षा कवर केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी को ही प्राप्त है। यह पहला मौका नहीं है जब दोबारा सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने नेताओं की सुरक्षा में कटौती की है। इससे पहले भी गृह मंत्रालय द्वारा लालू प्रसाद यादव, यूपी के मंत्री सुरेश राणा, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी, चिराग पासवान, अखिलेश यादव जैसे बड़े नेताओं की भी सुरक्षा में कटौती की जा चुकी है।  

भारत में सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली सुरक्षा को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। उच्च स्तर की श्रेणियों की बात करे तो यह मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं। X, Y, Z, Z+ और एसपीजी सुरक्षा। इन पांच प्रकार के सुरक्षा घेरों का लाभ ज्यादातर विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को ही मिलता है जिनमें राजनेता, उद्योगपति और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियां ही शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंटेलीजेंस विभाग (आईबी) द्वारा हर साल विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की समीक्षा की जाती है और इसी की सिफारिश पर लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाती है। सुरक्षा समीक्षा के दौरान इंटेलीजेंस विभाग विशिष्ट लोगों के खतरे के स्तर की जांच करता है। एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप), एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स), आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) और सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) पर ही वीवीआईपी, वीआईपी, राजनेता, हाई-प्रोफाइल सेलिब्रिटीज और प्रतिभूतियों को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी है। 

 

एसपीजी सुरक्षा- वर्तमान में देखे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा यह सुरक्षा घेरा सिर्फ गांधी परिवार को ही हासिल है। गांधी परिवार के सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को यह सुरक्षा मिली हुई है। 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी। यह अति विशिष्ट लोगों को मिलने वाली सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है। इसे Special Protection Group कहते हैं। एसपीजी सुरक्षा में तैनात कमांडो अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण से लैस होते हैं। 

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Z+ सुरक्षा- Z+ सुरक्षा घेरा को एसपीजी सुरक्षा के बाद सबसे उच्च स्तर का माना जाता है। Z + श्रेणी में 55 कर्मियों का सुरक्षा कवर रहता है। इस श्रेणी में देश में फिलहाल 15 लोगों को Z+ सुरक्षा मिली हुई है। Z+ सुरक्षा घेरे में तैनात जवानों के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं और इन जवानों को मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने में महारथ हासिल होती है। Z+ सुरक्षा घेरे के काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल को जाम करने का काम करता है। 

 

Z श्रेणी की सुरक्षा- Z श्रेणी की सुरक्षा घेरा में 22 जवानों की तैनाती रहती है। इस सुरक्षा घेरे में दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल रहते हैं। 

 

Y श्रेणी की सुरक्षा- Y श्रेणी की सुरक्षा घेरे में 11 जवानों की तैनाती होती है जिनमें एक या दो कमांडो होते हैं। यह सुरक्षा कम खतरे वाले लोगों को दी जाती है और इसमे दो पीएसओ भी होते हैं। 

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X श्रेणी- X श्रेणी की सुरक्षा देश के ज्यादातर VIP लोगों को मिली हुई है। इस श्रेणी की सुरक्षा घेरे में दो सुरक्षा गार्ड की तैनाती रहती है और एक पीएसओ होता है। 

 

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