AIBA इलीट महिला विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय दल की अगुवाई करेगी मैरी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 29, 2018

नई दिल्ली। राजधानी नई दिल्ली में 15 से 24 नवम्बर के बीच होने वाली एआईबीए विश्व इलीट महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पांच बार की विश्व चैम्पियन और ओलिम्पिक पदक विजेता एमसी मैरी कोम भारतीय दल की अगुवाई करेंगी। अपने छठे विश्व चैम्पियनशिप खिताब के लिए प्रयासरत मैरी कोम 48 किग्रा वर्ग में शिरकत करेंगी। उनके अलावा इस महत्वपूर्ण आयोजन में हिस्सा लेने के िलए नौ अन्य मुक्केबाजों का चयन हुआ है।

मैरी कोम के अलावा पिंकी जांगरा (51 किग्रा), सोनिया (57 किग्रा), सरिता (60 किग्रा), सिमरनजीत (64 किग्रा), लवलीना (69 किग्रा), स्वीटी बूरा (75 किग्रा), भाग्यवति काचारी (81 किग्रा) और सीमा पूनिया (81 प्लस ) शामिल हैं। इस आयोजन के लिए चुनी गई 10 में से पांच-मैरी कोम, लवलीना, सरिता, भाग्यवति और सिमरनजीत ने पोलैंड (सेलिसियन मुक्केबाजी चैम्पियनशिप) औऱ तुर्की में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम में जगह बनाई है। मैरी कोम ने पोलैंड में स्वर्ण पदक जीता था जबकि लवलीना और सरिता ने अपने भार वर्ग में कांस्य पदक जीते थे।

इसी तरह सिमरन ने भाग्यवति के साथ तुर्की में स्वर्ण जीता था। शेष पांच मुक्केबाजों का चयन शुक्रवार को आयोजित ट्रायल के बाद किया गया। पिंकी ने 51 किलोग्राम वर्ग के  ट्रायल में रितु ग्रेवाल को को हराया। पहला राउंड रितु के हक में गया था लेकिन इसके बाद 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य जीतने वाली पिंकी ने दूसरे राउंड में शानदार वापसी करते हुए बाजी मार ली। 54 किग्रा वर्ग में मनीषा ने मीनी कुमारी देवी को हराया। रूस में कांस्य और तुर्की में रजत जीतने वाली मीना पोलैंड में 2016 की विश्व चैम्पियन और यूरोपीयन चैम्पियन को हराने वाली मनीषा के आत्मविश्वास के आगे धराशायी हो गईं।

 2017 युवा विश्व चैम्पियन साक्षी चोपड़ा को 57 किग्रा वर्ग में सोनिया जैसी मजबूत प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ा। पोलैंड में कांस्य जीतने वाली सोनिया ने उम्मीद के मुताबिक शानदार प्रदर्शन किया और अपने पंचों से साक्षी को धराशायी करते हुए विश्व चैम्पियनशिप का टिकट कटाया। बूरा ने 75 किग्रा वर्ग में अलारी बोरो को एकतरफा अंदाज में हराया। इस तरह रूस में स्वर्ण जीतने वाली बूरा बिना किसी दिक्कत के टीम में जगह बनाने में सफल रहीं। सीमा पूनिया के लिए 81प्लस वर्ग में अनुभव काम आया और वह कविता चहल को हराते हुए टीम में जगह बनाने में सफल रहीं। सीमा ने कविता को पूरी तरह दोयम साबित किया।

भारत में विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन 12 साल बाद हो रहा है। 2006 में इसकी मेजबानी भारत ने की थी। उस साल भारतीय मुक्केबाजों ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए चार पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया था। भारत को चार स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक मिला था। ऐसे में जबकि भारत टोक्यो ओलम्पिक के लिए एक मजबूत टीम तैयार करने की तैयारी में है, भारतीय मुक्केबाजों का सामना विश्व की श्रेष्ठ मुक्केबाजों से होगा। इस चैम्पियनशिप में 60 देशों की कुल 300 मुक्केबाज हिस्सा लेंगी।

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