By अभिनय आकाश | May 29, 2025
वो जोड़ी जिसे अमेरिका की टेक और पॉलिटिक्स अलायंस कही जाती थी। सबसे मजबूत जोड़ी। वो बिखर गई वो टूटगई है। खुद एलन मस्क ने ऐलान कर दिया है कि वो ट्रंप सरकार से अलग हो रहे हैं। लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है? ये दोस्ती टूटी कैसे? क्या इस बात की आशंका पहले से ही जताई जाने लगी थ। इस बात के पीछे क्या कोई गहरी नाराजगी है। एलन मस्क ट्रंप सरकार में डीओजीई डिपार्टमेंट के चीफ बनाए गए थे। डीओजीई यानी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी ट्रंप को और सरकार के सभी मंत्रालय तथा उनके कार्यालयों को ये सलाह देने का काम करती थी, जिससे काम में गति आए। मस्क ने चुनाव प्रचार में ट्रंप के लिए कैंपेन करते हुए कहा था कि हम अमेरिका के 2 लाख करोड़ डॉलर के संघीय बजट में कटौती करने में ट्रंप की मदद करेंगे। ऐसे में ये डिपार्टमेंट सरकार के गैरजरूरी खर्तों को खत्म करने की दिशा में काम सौंपा गया। मस्क ने 130 दिनों के भीतर अपने काम को खत्म करने की बात कही।
जय और वीरू की दोस्ती
डोनाल्ड ट्रंप ने कई ऐसे फैसले लिए जिसकी वजह से उन्हें आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी। सरकारी विभागों में उन्होंने कटौतियां की और कर्मचारियों की छटनी की। बेफिजूल खर्च पर लगाम लगाया गया और ये टारगेट एक साल में एक तिहाई खर्च को कम करने का था। डीओजीई के तहत वो अपना काम बखूबी कर रहे थे। डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच जो कैमेस्ट्री थी, जो बॉन्डिंग थी वो कई मंच से व कई मौकों पर तस्वीरों के माध्यम से पूरी दुनिया ने देखी। 2024 में चुनाव प्रचार के दौरान दोनों नेता करीब आते हैं। डोनाल्ड ट्रंप की सबसे बड़ी जीत का श्रेय एलन मस्क को ही एक्सपर्ट्स ने तब दिया था। उन्होंने ट्रंप का सिर्फ समर्थन ही नहीं किया बल्कि ट्रंप के प्रचार में लगभग सात करोड़ डॉलर खर्च भी किए। उन्हीं एलन मस्क को डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव में जीत के बाद सबसे बड़ा तोहफा डीओजीई चीफ बनाकर दिया। आपको याद होगा जब ट्रंप पर अटैक हुआ था। उसीवक्त एलन मस्क ने उनका साथ दिया था और फंडिग भी की थी। लगातार वो तारीफों के पुल बांधते रहे। यहां तक की टैरिफ की भी जब घोषणा की गई तो वो डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ कर रहे थे। दरअसल, इसकी कई वजह है लेकिन बड़ी वजह बिग एंड ब्यूटीफुल बिल बताई जा रही है।
क्या है बिग एंड ब्यूटीफुल बिल
यह बिल अमेरिका के 2017 के टैक्स कट को स्थायी बनाने का प्रयास है। यह एक व्यापक विधेयक है, जिसमें सीमा सुरक्षा, खर्च और टैक्स शामिल किए गए हैं। अमेरिका में रह रहे दूसरे देश के लोगों द्वारा घर पैसा भेजने पर 5 प्रतिशत का टैक्स लगाने को लेकर इसकी आलोचना भी खूब हो रही है। रिन्यूवेबल एनर्जी जैसी चीजों के लिए सब्सिडी खत्म करना इसमें शामिल है। ट्रंप का यह विधेयक बाइडेन युग के उस आदेश को समाप्त कर देगा, जिसके अनुसार 2032 तक नई कार की बिक्री में दो-तिहाई इलेक्ट्रिक वाहन होंगे। विधेयक में तेल, गैस और कोयला निकालने के लिए कंपनियों द्वारा भुगतान की जाने वाली रॉयल्टी रेट्स में कटौती का प्रस्ताव है।
एलन मस्क ने जताई नाराजगी
इस बिल को लेकर एलन मस्क ने अपनी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि इस बिल से खर्च में और बढोतरी होगी। इसके बाद अगले दिन उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए ये ऐलान कर दिया कि वो ट्रंप सरकार में डीओजीई का पद छोड़ रहे हैं। लेकिन ये केवल एक वजह नहीं है। इसके अलावा भी और कारण हो सकते हैं। जानकारों के मुताबिक निवेशकों का लगातार दवाब बढ़ रहा था। एलन मस्क एक बिजनेसमैन हैं। आपको याद होगा कि टेस्ला कारें उनकी नीतियों के विरोध में जलाई जा रही थी। जिसकी वजह से एलन मस्क को लाखों करोडो़ं का नुकसान उठाना पड़ा।
ट्रंप के मंत्रियों से हुई नोंकझोंक
मस्क ने ट्रंप के तीन सबसे वरिष्ठ कैबिनेट सदस्यों - विदेश मंत्री मार्को रुबियो, परिवहन मंत्री सीन डफी और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के साथ बहस की। उन्होंने ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो को मूर्ख और "ईंटों की बोरी से भी अधिक मूर्ख कहा। नवारो ने कहा था कि टेस्ला के सीईओ कार मेकर नहीं कार असेम्बलर हैं।
राजनीति के चक्कर में खुद का साम्राज्य डोल गया
28 मई, 2025 तक उनकी EV फ्लैगशिप टेस्ला का स्टॉक गिरकर $356.9 पर आ गया, जो दिसंबर 2024 में $488.54 के शिखर से 33 प्रतिशत की गिरावट है। गिरावट की शुरुआत Q1 (2025-26) के प्रदर्शन से हुई: लाभ में 71 प्रतिशत की गिरावट, नौ प्रतिशत राजस्व में कमी और बिक्री में 13 प्रतिशत की गिरावट। इस गिरावट का अधिकांश हिस्सा BYD और ट्रम्प के टैरिफ जैसे चीनी EV निर्माताओं से प्रतिस्पर्धा के कारण हुआ। मस्क की राजनीतिक भूमिका ने संकट में योगदान दिया, आलोचकों और सरकारी कर्मचारियों ने DoGE के प्रमुख के रूप में उनके विघटनकारी निर्णयों के कारण विरोध और बहिष्कार का आह्वान किया। मस्क ने एक टेक न्यूज़ आउटलेट के साथ एक साक्षात्कार में खेद इसका एहसास करते हुए कहा था कि मुझे लगता है कि मैंने शायद राजनीति पर थोड़ा ज़्यादा समय बिताया।
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