साथ आए मुनीर-इमरान? मिलकर गिराएंगे शहबाज की सरकार, फील्ड मार्शल बनाना भी हुआ बेकार!

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अभिनय आकाश । May 26 2025 2:48PM

मुनीर के ही इशारे पर रक्षा बजट में 18 फीसदी की बढोतरी का ऐलान कर दिया गया। वो भी आईएमएफ से मिले भीख के पैसे से। पाकिस्तान के इस कदम का असर सीधे सीधे पाकिस्तानियों के पेट पर पड़ने वाला है। पाकिस्तान की सेना और सरकार के दिमागी दिवालियेपन पर पाकिस्तान के लोग माथा पीट रहे हैं।

एक तरफ पाकिस्तान के एयरबेस बर्बाद हो गए है। सबूत लगातार सामने आ रहे हैं। वहीं पाकिस्तानी एयरफोर्स की बदहाली के साथ साथ वहां की कंगाली भी अब दुनिया के सामने हैं। दुनियाभर में कटोरा लेकर भटकने पर पाकिस्तान को कुछ भीख मिल जाती है। लेकिन वो इसका इस्तेमाल जनता की हालात सुधारने के लिए नहीं करता है। वो भीख में मिले पैसों का इस्तेमाल भारत के लिए हथियार खरीदने के लिए करता है। इस बार भी पाकिस्तान कुछ ऐसा ही करने जा रहा है। पाकिस्तान अपने देश के लोगों को हथियार खिलाने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए फील्ड मार्शल मुनीर को लगातार खुश करने में जुटे हैं। उन्हें लगता है कि मुनीर खुश रहेगा तो उनकी कुर्सी बची रहेगी। पहले तो भारत के हाथों मिले हार के बावजूद मुनीर को फील्ड मार्शल बना दिया गया। अब मुनीर के ही इशारे पर रक्षा बजट में 18 फीसदी की बढोतरी का ऐलान कर दिया गया। वो भी आईएमएफ से मिले भीख के पैसे से। पाकिस्तान के इस कदम का असर सीधे सीधे पाकिस्तानियों के पेट पर पड़ने वाला है। पाकिस्तान की सेना और सरकार के दिमागी दिवालियेपन पर पाकिस्तान के लोग माथा पीट रहे हैं। 

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अपना रक्षा बजट एक चौथाई बढ़ाना चाह रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान अभी 21 लाख 15 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा है। बावजूद इसके वो अपना रक्षा बजट करीब करीब एक चौथाई बढ़ाना चाहता है। ताकी सेना के हथियार भंडार फिर से भर सके। 2024-25 में पाकिस्तान का रक्षा बजट 2 लाख10 हजार करोड़ रुपए था। 2025-26 के लिए पाकिस्तान इसे 2 लाख 50 हजार करोड़ करने जा रहा है। रक्षा बजट बढ़ाने के लिए पैसा पाकिस्तानी खजाने में तो है नहीं। इसके लिए पाकिस्तान आईएमएफ की आंखों में धूल झोंकने जा रहा है। दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तान के कटोरे में आईएमएफ से भीख मिली थी। आईएमएफ से कर्ज में मिले पैसों को शहबाज शरीफ आसिम मुनीर के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने वाले हैं। आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज दिया था कि वो अपने लोगों को ठीक ढंग से रोटी खिला सके। लोगों को शिक्षा और बोरोजगारी से दूर कर सके। लेकिन कठपुतली शहबाज इन पैसों से अपनी जनता को हथियार खिलाने का प्लान बना रहे हैं। पाकिस्तान भारत से मुकाबले के लिए अपने हथियार भंडार किसी भी कीमत पर भरना चाहता है। फिर चाहे उसके लिए देश की आवाम का पेट क्यों ना काटना पड़ा। शहबाज शरीफ ने कर्ज के लिए आईएमएफ की हर शर्त को मान लिया है। वो शर्तें ऐसी हैं, जिनका सीधा असर पाकिस्तान की आवाम पर पड़ेगा। 

पाकिस्तान को भीख देने के लिए आईएमएफ की शर्त

भारत से हारने के बावजूद पाकिस्तान के असीम मुनीर को पदोन्नति क्यों मिली?

ऑपरेशन सिंदूर में पिटे शहबाज शरीफ ने अपनी इज्जत बचाने के लिए बड़ा दांव खेला। आर्मी चीफ आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाकर ये संदेश देने का प्रयास किया कि जंग में पाकिस्तान हीरो साबित हुआ है। देश के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को पदोन्नति मिली। उन्हें फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया, जिससे वह मोहम्मद अयूब खान के बाद देश में यह सम्मान पाने वाले दूसरे व्यक्ति बन गए। लेकिन पदोन्नति के समय को ध्यान में रखना ज़रूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पदोन्नति और फील्ड मार्शल जैसे सम्मान आम तौर पर तब दिए जाते हैं जब कोई जनरल युद्ध में अपने देश को जीत दिलाता है। लेकिन मुनीर के मामले में ऐसा नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश को भारत से बहुत नुकसान हुआ। इसके एयरबेस क्षतिग्रस्त हो गए और भारत की रक्षा प्रणालियों ने इसके ड्रोन और मिसाइलों को बेअसर कर दिया। ऐसी परिस्थितियों में,कई लोगों को आश्चर्य हुआ कि शहबाज-शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने मुनीर को पदोन्नत करने का फैसला क्यों किया। पाकिस्तानी पर्यवेक्षकों ने यह भी कहा कि यह आने वाली चीज़ों का संकेत हो सकता । 

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इमरान और मुनीर मिलाएंगे हाथ?

ये अलग बात है कि प्रमोशन पाकर बेशुमार ताकत पाने वाले मुनीर अब शहबाज की ही कुर्सी खींचने की जुगत में हैं। इस बात की चर्चा तेज है कि मुनीर और जेल में बंद इमरान खान के बीच शहबाज शरीफ की तख्तापलट को लेकर खिचड़ी पक रही है। शहबाज शरीफ तो ये सोच कर खुश हो रहे हैं कि आर्मी चीफ आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाकर उन्होंने उसे शीशे में उतार दिया है। शहबाज को लग रहा है कि उन्होंने मुनीर के प्रति अपनी वफादारी साबित कर दी है। लेकिन शहबाज या तो पाकिस्तान का इतिहास भूल गए या फिर उसे नजरअंदाज कर रहे हैं। जब जब आर्मी चीफ को बेशुमार ताकत मिली। पाकिस्तान में सरकार का तख्तापलट ही हुआ है। शहबाज की कुर्सी खींचने के लिए बिशात बिछने लगी है और जिसका सबसे बड़ा मोहरा खुद आसिम मुनीर हैं। 

सेना से बात को तैयार इमरान, शहबाज को बताया कठपुतली

चर्चा है कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और आसिम मुनीर के बीच बातचीत कभी भी शुरू हो सकती है। इसके संकेत खुद इमरान खान के बयान से मिलने शुरू हो गए हैं। इमरान खान ने शहबाज शरीफ सरकार को कठपुतली बताया है और सिर्फ सेना से बात करने और समझौता करने की बात कही है। इमरान खान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कठपुतली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार के साथ किसी भी तरह की बातचीत करना बेकार है। इस अवैध फॉर्म-47 स्थापित सरकार ने पहले ही दो महीने बर्बाद कर दिए हैं। इसका एकमात्र मकसद झूठे अधिकार को बनाए रखना है, जिसके पास असल में कोई शक्ति नहीं है। इमरान खान ने कहा कि बातचीत सिर्फ उन लोगों के साथ की जाएगी जो वास्तव में सत्ता में हैं (सैन्य प्रतिष्ठान), और सिर्फ राष्ट्रीय हित में हैं। मुझे कठिनाई का डर नहीं है क्योंकि मेरे इरादे मजबूत हैं। 

मुनीर से समझौते का प्लान 

इमरान का बयान इस बात का इशारा माना जा रहा है कि उन्होंने जेल से बाहर आने के लिए मुनीर से समझौते का मन बना लिया है। इमरान का ये बयान शहबाज की कुर्सी पर मंडराते खतरे का भी एक बड़ा इशारा है। आसिम मुनीर पर शहबाज के फैसले को कई लोग बड़ी राजनीतिक चाल की तरह देख रहे हैं। लोगों को लगता है कि शहबाज ने ये फैसला इसलिए लिया कि मुनीर उनकी सरकार के साथ बना रहे। 

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