By अभिनय आकाश | Jul 01, 2019
पटना। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत पर आज नीतीश कुमार ने विधानसभा में बयान दिया है। नीतीश कुमार ने कहा कि जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, यह बहुत गंभीर मुद्दा है। हमने कई बैठकें की हैं और इस मुद्दे पर चर्चा की है। 28 जून तक 154 बच्चों की मौत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वहां का दौरा किया। बिहार सरकार ने बीमारी को लेकर विशेषज्ञों की टीम बनाई। नीतीश ने कहा कि मैंने 2015 में एम्स पटना में एक बैठक की और विभिन्न विशेषज्ञों ने अलग-अलग विचार रखे कि इसका कारण क्या है। इस पर विशेषज्ञ की राय प्राप्त करने के लिए एक रिपोर्ट भी अमेरिका को भेजी गई थी और सभी के विचार अलग थे। सीएम ने कहा कि 2014 से बीमारी के कारणों पर रिसर्च जारी है। इसके अलावा सीएम नीतीश ने कहा कि चमकी बुखार को लेकर जागरूकता अभियान की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें: चमकी बुखार से 147 बच्चों की मौत, SKMCH में तैनात डॉक्टर सस्पेंड
इससे पहले विधानसभा में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने विधानसभा में आंकड़ों प्रस्तुत किए। पांडे ने कहा कि 28 जून तक 720 भर्ती हुए, 586 ठीक हुए, और 154 बच्चों की मौत हो गई। मृत्यु दर घटकर 21% रह गई। 2011-19 के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में एईएस के कारण मृत्यु दर में कमी आई है।सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार और कानून व्यवस्था की गिरती स्थिति को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग कर रहा है। बता दें कि राज्य में फैले एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से अब तक 150 से भी ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है।