By अभिनय आकाश | Aug 12, 2025
पाकिस्तान की सेना जिसने आज तक कोई युद्ध नहीं जीता है। लेकिन आज तक कोई भी जंग नहीं जीतने वाली पाकिस्तानी सेना के अफसरों के पास इतने मेडल कहां से आते हैं, इसको लेकर मीम्स भी खूब वायरल होते रहते हैं। अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान वाली कहावत तो आपने खूब सुनी होगी लेकिन इन दिनों ट्रंप मेहरबान तो मुनीर पहलवान वाली लाइन खूब चर्चा में हैं। ट्रंप ने इससे पहले भी आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस बुलाया और खाना भी खिलाया। लेकिन अब एक बार फिर आसिम मुनीर अमेरिका पहुंचे और वहां से भारत को चेतावनी दे रहे हैं। अबकी बार तो खुलेआम न्यूक्लियर हमले की चेतावनी दी जा रही है और कहा गया कि अगर हम पर हमला हुआ तो हम आधी दुनिया को बर्बाद कर देंगे यानी हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डुबेंगे। ये बातें मुनीर ने फ्लोरिडा में एक इवेंट के दौरान कही औऱ रिपोर्ट के हिसाब से उन्होंने कहा कि हम गए तो हमारे साथ आधी दुनिया भी खत्म हो जाएगी। अमेरिका की धरती से पहली बार किसी तीसरे देश को न्यूक्लियर धमकी दी गई है। इसके अलावा आसिम मुनीर ने सिंधु नदी पर किसी भी किस्म के बांध को बनाने के खिलाफ भी भड़काऊ बयान दिया है। मुनीर ने कहा है कि उनके देश के पास मिसाइल की कमी नहीं है और सिंधु जल संधि रद्द करके भारत 250 मिलियन की आबादी को रिस्क पर डाल रहा है। मुनीर ने कहा है कि हम वेट कर रहे हैं। भारत जैसे ही सिंधु नदी के ऊपर बांध बनाएगा हम 10 मिसाइल फायर कर देंगे।
मुनीर ने चेतावनी दी कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि पर अपना फैसला नहीं बदला, तो पाकिस्तान के 25 करोड़ लोगों के जीवन पर खतरा होगा। उन्होंने कहा कि हम इंतजार करेंगे कि भारत बांध बनाए, फिर 10 मिसाइलों से उसे उड़ा देंगे। मुनीर ने कहा कि हमारे पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है। उसने कहा कि भारत के साथ युद्ध में उसके देश के अस्तित्व को खतरा हुआ तो वे उस पूरे क्षेत्र को परमाणु युद्ध में झोंक देंगे। अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भारत को परमाणु युद्ध की खुली धमकी दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फ्लोरिडा में पाकिस्तानी कारोबारी अदनान असद की ओर से आयोजित डिनर में मुनीर ने कहा कि हम परमाणु संपन्न देश है। अगर हमें लगा कि हम डूब रहे हैं, तो आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने जिस तरह खुलेआम परमाणु युद्ध की धमकी दी है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इससे भारत की यह चिंता पुष्ट होती है कि पाकिस्तान के पास एटॉमिक पावर होना पूरी दुनिया के लिए खतरा है। चिंता की बात ये है कि मुनीर इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं। पहली बार किसी ने अमेरिकी धरती से किसी तीसरे देश के लिए इस तरह धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया है। यह भी पहली बार है, जब किसी सेना प्रमुख ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह परमाणु हथियार भी इस्तेमाल कर सकता है। मुनीर की बातें जितनी गैरजिम्मेदार हैं, उतनी ही चिंता बढ़ाने वाली भी। पाकिस्तान के सिस्टम में सेना क्या भूमिका रखती है, यह सभी को मालूम है। भले वहां चुनी हुई सरकार हो, लेकिन फैसले सेना प्रमुख के को पाकिस्तान की पॉलिसी की तरह होते हैं।
भारत ने 'नो फर्स्ट यूज' की नीति अपना रखी है यानी वह परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेगा। साथ ही किसी गैर परमाणु शक्ति देश के खिलाफ भी एटमी पावर नहीं दिखाई जाएगी। लेकिन, पाकिस्तान ऐसी किसी नीति से नहीं बंधा और यही फिक्र की बात है। मुनीर का अंदाज कि हम अपने साथ आधी दुनिया को ले डूबेंगे', पाकिस्तान के असुरक्षित परमाणु खतरे का नमूना है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे गीदड़भभकी बताते हुए कहा कि ऐसी धमकी देना पाक की पुरानी आदत है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी धमकी एक मित्र (अमेरिका) देश की जमीन से दी गई। मुनीर के बयान का भारतीय विदेश मंत्रालय ने सही जवाब दिया है कि जिस देश में सेना आतंकवादी समूहों के साथ मिली हो, वहां परमाणु कमांड और कंट्रोल की विश्वसनीयता पर संदेह होना स्वाभाविक है। MEA ने यह भी कहा कि भारत किसी न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी सरकार का यही रुख था। मुनीर के बयान का इस्तेमाल भारत को पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने और उसके परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए करना चाहिए।
क्या सच में आधी दुनिया को तबाह करने की ताकत पाकिस्तान के पास है
मुनीर का दुनिया का आधा हिस्सा तबाह करने का दावा वैश्विक हमले की क्षमता दिखाता है, लेकिन हकीकत में पाकिस्तान के पास सीमित रेंज के हथियार हैं। हाल ही में अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु भंडार को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जो आने वाले सालों में खतरा बन सकता है। वर्तमान में पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं। मुनीर का दुनिया का आधा हिस्सा तबाह करने का दावा गलत है। उनकी सबसे लंबी रेंज वाली मिसाइल शाहीन-III की रेंज 2,750 किमी है, जो वैश्विक हमले के लिए काफी नहीं है।
भारत सरकार के सूत्रों ने सवाल उठाया कि क्या अमेरिका पाकिस्तान को इस तरह की गैर-जिम्मेदार और भड़काऊ टिप्पणियों के लिए जवाबदेह ठहराएगा? क्या अमेरिका खुद इसकी जवाबदेही लेगा।
हवाई हथियार
मिराज III/V
लॉन्चर: 36
तैनाती: 1998
रेंज: 2,100 किमी
वारहेड: 1 x 5-12 किलो टन बम या राद-I/II ALCM
वारहेड्स: 36
JF-17
वारहेड: राद-II ALCM
कुल (हवाई हथियार): 36 वारहेड्स
जमीन से लॉन्च होने वाले हथियार
अब्दाली (हत्फ-2)
लॉन्चर: 10
तैनाती: 2015
रेंज: 200 किमी
वारहेड: 1 x 5-12 किलो टन
वारहेड्स: 10
गजनवी (हत्फ-3)
लॉन्चर: 16
तैनाती: 2004
रेंज: 300 किमी
वारहेड: 1 x 5-12 किलो टन
वारहेड्स: 16
शाहीन-1/A (हत्फ-4)
लॉन्चर: 24
तैनाती: 2003/2022
रेंज: 750/900 किमी
वारहेड: 1 x 5-12 किलो टन
वारहेड्स: 24
शाहीन-II (हत्फ-6)
लॉन्चर: 12
तैनाती: 2027
रेंज: 2,000 किमी
वारहेड: 1 x 5-12 किलो टन
वारहेड्स: 12
शाहीन-III (हत्फ-6)
लॉन्चर: 12
तैनाती: 2024
रेंज: 2,750 किमी
वारहेड: 1 x 10-40 किलो टन
वारहेड्स: 24
गौरी (हत्फ-5)
लॉन्चर: 12
तैनाती: 2003
रेंज: 1,250 किमी
वारहेड: 1 x 10-40 किलो टन
वारहेड्स: 12
मुनीर की परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की धमकी ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए जो चेन ऑफ़ कमांड है उसमें सबसे ऊपर नेशनल कमांड अथॉरिटी (एनसीए) है। इसका ढांचा भी लगभग भारत जैसा ही है। इसके चेयरमैन प्रधानमंत्री होते हैं और इसमें राष्ट्रपति, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, चेयरमैन ऑफ़ ज्वाइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ (सीजेसीएससी), सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख और स्ट्रेटेजिक प्लान्स डिवीज़न के महानिदेशक होते हैं। एनसीए के तहत स्ट्रेटेजिक प्लान्स डिवीज़न है जिसका मुख्य काम परमाणु एसेट का प्रबंधन और एनसीए को तकनीकी और ऑपरेशनल सलाह देना है। वही स्ट्रेटेजिक फ़ोर्सेज़ कमांड सीजेसीएससी के नीचे काम करती है और इसका काम परमाणु हथियारों को लॉन्च करना है। ये वॉरहेड ले जाने में सक्षम मिसाइलों जैसे शाहीन और नस्र मिसाइलों का प्रबंधन करती है और एनसीए से आदेश मिलने पर परमाणु हथियार दाग सकती है। भारत के साथ हालिया तनाव के दौरान भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुलाने की रिपोर्टें आईं थीं। हालांकि भारत के साथ संघर्ष विराम की घोषणा के बाद कहा गया था कि पाकिस्तान ने ऐसी बैठक नहीं बुलाई।