By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 05, 2021
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजामुद्दीन मरकज दोबारा खोलने के लिए दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केन्द्र, आप सरकार और पुलिस को शुकव्रार को 10 दिन का समय दिया। तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले कई लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 31 मार्च से ही निजामुद्दीन मरकज बंद है। न्यायामूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि अधिकारियों द्वारा 10 दिन में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए। उन्होंने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की है। अदालत ने 24 फरवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली वक्फ बोड की ओर से दायर याचिका पर गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराध) राहुल मेहरा ने राज्य सरकार और दिल्ली पुलिस की ओर से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। केन्द्र की ओर से पेश हुए वकील रजत नायर ने भी जवाब दाखिल करने के लिए थोड़ा और समय दिए जाने का अनुरोध किया।
बोर्ड ने अपनी याचिका में अधिकारियों को वक्फ परिसर को धार्मिक आयोजन के तौर पर उपलब्ध रखने की जरूरत पर फिर से गौर करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया है। बोर्ड की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्तारमेश गुप्ता ने दलील दी कि ‘अनलॉक-1’ के दिशा-निर्देश के तहत निरुद्ध क्षेत्र के बाहर धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन मरकज अब भी बंद है। मरकज में मस्जिद मरकज़ बंग्लेवाली, मदरसा कासिम-उल-उलूम और छात्रावास है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर परिसर किसी अपराधिक जांच के अधीन भी आता है, तो भी इसे ‘‘पहुंच से बाहर क्षेत्र के रूप में बंद रखना’’ जांच प्रक्रिया का एक ‘‘पुराना तरीका’’ है।