रोपवे हादसे के बचाव अभियान में शामिल अधिकारियों से PM ने की बात, दिया यह बड़ा संदेश

By अंकित सिंह | Apr 13, 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देवघर (झारखंड) में बचाव कार्यों में शामिल भारतीय वायुसेना के कर्मियों, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, स्थानीय प्रशासन और नागरिक समाज के कर्मियों से बातचीत की। मोदी ने कहा कि आपने तीन दिनों तक 24 घंटे लगकर एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया और अनेक देशवासियों की आपने जान बचाई है। पूरे देश ने आपके साहस को सराहा है, मैं इसे बाबा बैद्यनाथ जी की कृपा मानता हूं। हालांकि हमें दुख है कि कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाएं, अनेक साथी घायल भी हुए हैं। उन्होंने काह कि पीड़ित परिवारों के साथ हम सभी की पूरी संवेदना है। मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मोदी ने कहा कि देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, NDRF, ITBP के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है, जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दुर्घटना और रेस्क्यू मिशन से अनेक सबक हमें भी मिले हैं। आपके अनुभव भविष्य में बहुत काम आने वाले हैं। मैं आप सभी से बात करने के लिए बहुत उत्सुक हूं, क्योंकि इस ऑपरेशन से मैं लगातार जुड़ा रहा और हर स्थिति का जायजा लेता रहा था। 


वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सभी एजेंसियों ने बहुत कम समय में तालमेल के साथ कम से कम नुकसान के साथ इस ऑपरेशन को पूरा किया। जब चिकूट की पहाड़ी पर इतने सारे यात्री फंसे हुए थे तो पूरे देश की सांसे अधर में लटकी हुई थीं। उन्होंने कहा कि मैं एनडीआरएफ, वायु सेना, आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन के सभी प्रतिनिधियों को बधाई और धन्यवाद देता हूं क्योंकि यह एक बहुत ही कठिन ऑपरेशन था जिसे उन्होंने धैर्यपूर्वक अंजाम दिया। इतने सारे एजेंसियों ने अच्छे समन्वय के साथ कम से कम नुकसान के साथ इतने कम समय में ऑपरेशन को अंजाम दिया। 

 

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इससे पहले झारखंड मुख्यमंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन मुझे लगता है कि देश में ये पहली घटना है, एकाध बार ये भी बात आई कि ये रेस्क्यू किया ही नहीं जा सकता। वायुसेना के गरुड़ कमांडो, आईटीबीपी की टीम, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन ने काफी संयम के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। आपको बता दें कि देवघर में त्रिकुट पहाड़ियों पर रविवार को रोपवे की ट्रॉलियां टकराने के कारण हुए हादसे के बाद 60 से अधिक पर्यटक 46 घंटे से अधिक समय तक केबल कारों में फंसे रहे थे। इन पर्यटकों को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), एनडीआरएफ और जिला प्रशासन के संयुक्त दलों ने अभियान चलाया था। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी।

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