मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिस के चलते जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जहाँ मौसम विभाग ने आने वाले अगले 48 घंटे में एक बार फिर से जोरदार बारिस होने की घोषणा की है, तो वही राजधानी भोपाल में अभी तक सामान्य से 74 प्रतिशत अधिक बारिस हो चुकी है। वही पूरे प्रदेश की बात की जाए तो यहाँ सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक बारिस अभी तक हो चुकी है। जिसके चलते प्रदेश की सभी नदियाँ और नाले उफान पर है।
प्रदेश में बारिश और बाढ़ का कहर इस कदर जारी है कि राज्य के 36 जिले भारी बारिश से जूझ रहे हैं। बारिश की वजह से कई नदियां उफान पर हैं. प्रदेश में बाढ़ और बिजली की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़कर 70 हो गया है। 15 जून से 15 अगस्त तक अतिवर्षा से 55 और बिजली गिरने से 15 लोगों की मौत हो चुकी है यही नहीं इस दौरान 225 पशुओं की भी मौत हुई है।
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मध्य प्रदेश के 36 जिले इस समय मूसलाधार बारिश की चपेट में हैं। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के मालवांचल, चंबल और मध्यक्षेत्र में सामान्य से अधिक बारिस हुई है। जिसके चलते उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर, शाजापुर, देवास, भोपाल, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद, राजगढ़, सीहोर, गुना, शिवपुरी समेत कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है।भारी बारिश के चलते नर्मदा, शिवना, बेतवा और ताप्ती नदियों के अलावा कई नदियां और नाले उफन पर हैं। यही नहीं प्रदेश में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते कई इलकों से संपर्क कटा हुआ है। इस बीच मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के 36 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर, शाजापुर, देवास, भोपाल, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद, राजगढ़, सीहोर, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, श्योपुरकलां, बैतूल, हरदा, इंदौर, धार, खंडवा, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, छिंदवाड़ा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, उमरिया, अनूपपुर, डिंडोरी और सतना जिले में भारी बारिश की आशंका जताई है।
तेज बारिश के कारण नर्मदा, शिवना, बेतवा और ताप्ती नदियों के अलावा कई नदियां और नाले उफन पर हैं। इसके चलते मंदसौर, नरसिंहपुर, बैतूल, सागर जिलों के कई इलाकों में सड़क संपर्क टूट जाने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही शिवपुरी जिले पार्वती और सिंध नदियां उफान पर आने से बदरवास और कोलारस के कई गाँव पानी से घिर गए। प्रशासन ने बदरवास के रैझाघट में एनडीआरएफ की मदद से 117 लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित बचाया। वही मंदसौर में शिवना नदी का पानी प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में पहुँच गया जिसके चलते आधे से अधिक शिवलिंग पानी में डूब गया। नदियों के उफान पर आने से कई डैम खोले गए ताकि स्थिति भयावह न हो। जहाँ भोपाल के बडे तालाब के लबालब होने के बाद भदभदा के गेट खोले गए तो वही होशंगाबाद में तवा डैम के पाँच गेट खोले गए। जबकि बारगी डैम के गेट खुलने से बारना नदी के पुल पर पानी आने से सड़क संपर्क टूट गया। कुल मिलाकर बात की जाए तो प्रदेश के नर्मदा, बेतवा और चंबल समेत कई नदियाँ लबालब है।
मौसम विज्ञानिकों के मुताबिक मानसून सीजन 30 सितंबर को खत्म होता है। इस हिसाब से अभी मानसून 45 दिन और रहेगा। इस दौरान हालात और बिगड़ सकते है। जबकि प्रदेश के ऐसे कई हिस्से है जहाँ अभी तक सामान्य या सामान्य से कम बारिस भी दर्ज की गई है।