By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 23, 2024
भारत में पिछले साल 31 मार्च तक 1.48 लाख से अधिक प्रकाशन पंजीकृत होने के साथ पत्रिकाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा बृहस्पतिवार को यहां जारी सरकार की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अधिकतर पत्रिकाएं अंग्रेजी और संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध अन्य भाषाओं में पंजीकृत थीं। वहीं, कुछ पत्रिकाएं 189 अन्य भाषाओं या बोलियों और कुछ विदेशी भाषाओं में भी पंजीकृत हुईं।
प्रेस इन इंडिया 2022-23 शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक, रिकॉर्ड के अनुसार, 31 मार्च, 2023 तक भारत में 1,48,363 प्रिंट पत्रिकाएं पंजीकृत की हुईं। वित्त वर्ष 2022-23 में पंजीकृत पत्रिकाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी।
पंजीकृत पत्रिकाओं की संख्या में वृद्धि को इस बात की ओर इशारा करती है कि देखने-सुनने और डिजिटल या ऑनलाइन मीडिया के प्रसार के बावजूद देश में प्रिंट मीडिया का विकास ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ये पत्रिकाएं आम नागरिक को सशक्त बनाने, उन्हें सोच-समझकर निर्णय लेने और उनके अधिकारों से अवगत कराने में मदद करने, उन्हें लोकतांत्रिक और राष्ट्र-निर्माण प्रक्रियाओं में सक्रिय भागीदार बनाने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखे हुए हैं।