By निधि अविनाश | Jan 24, 2022
भारत में अगले 14 दिनों में कोरोना की तीसरी लहर चरम पर पहुंच जाएगा। भारत में कोरोना संक्रमण फैलने की दर को दर्शाने वाली 'आर-वैल्यू' के अनुसार 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच कोरोना संक्रमण की दर घटकर 1.57 रह गई है जिससे देश में संक्रमण की तीसरी लहर अगले 14 में अपने चरम पर पहुंच जाएगी।
इसकी जानकारी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार जारी की गई है। आर-वैल्यू के अनुसार, एक व्यक्ति कितने लोगों को कोरोना का शिकार बना सकता है। यदि यह दर एक से नीचे चली जाती है, तो यह मान लिया जाता है कि वैश्विक महामारी खत्म हो गई है। IIT मद्रास द्वारा साझा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच आर-वैल्यू 1.57 था, जो 7 से 13 जनवरी के बीच 2.2 था, 1 से 6 जनवरी के बीच चार और 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 2.9 था।
बता दें कि, इसका विश्लेषण प्रोफेसर नीलेश एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर की अध्यक्षता में आईआईटी मद्रास के गणित विभाग और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंस ने कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग के जरिए किया है।आईआईटी मद्रास ने कहा कि मुंबई और कोलकाता के आर-वैल्यू से पता चलता है कि वहां कोरोना के मामले में कमी आई है जबकि दिल्ली और चेन्नई के लिए यह अभी भी 1 के करीब है। इससे पहले, यह भविष्यवाणी की गई थी कि तीसरी लहर 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच अपने चरम पर पहुंच जाएगी। देश में आज कोरोना के 3,33,533 मामले हैं।
स्टील्थ ओमिक्रॉन (Stealth Omicron) का बढ़ रहा खतरा
डेल्टा और ओमिक्रोन का बीच अब स्टील्थ ओमिक्रॉन (Stealth Omicron) का भी खतरा बढ़ता नजर आ रहा है। ओमिक्रोन के सब वैरिएंट स्टील्थ ओमिक्रॉन को बहुत ज्यादा संक्रमित बताया जा रहा है। इसके मामले भारत समेत डेनमार्क, ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर में पाए गए हैं। वहीं यूरोपीय देशों में यह वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है।आइये आपको बता दें कि, स्टील्थ ओमिक्रॉन आखिर क्या है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ओमाइक्रोन संस्करण में तीन सब-स्ट्रेन हैं - BA.1, BA.2, और BA.3। जबकि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए ओमाइक्रोन संक्रमणों में BA.1 उप-स्ट्रेन प्रमुख है, BA.2 उप-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है। BA.2 सब-स्ट्रेन, जिसे आमतौर पर स्टील्थ ओमिक्रोन कहा जाता है, ने पूरे यूरोप में एक मजबूत लहर की आशंका पैदा कर दी है। रिसर्चर के अनुसार, ऐसी संभावना है कि, BA.1 से संक्रमित होने के बाद आप BA.2 की भी चपेट में आ सकते है।