प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, राज्य सरकार पर छोड़ा मामला

By सुयश भट्ट | Jan 28, 2022

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण मामले पर शुक्रवार को अहम सुनवाई की है। कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण का मामला राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। कोर्ट ने सरकारी पदों पर एससी और एसटी को प्रमाोशन में आरक्षण देने के लिए कोई मानदंड निर्धारित करने से इनकार कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि पहले से आरक्षण के पैमाने तय किए हैं। उनमें हम छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। अब राज्य सरकार अपने हिसाब से डाटा तैयार करेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि एसटी-एससी को उनका वाजिब हक मिला कि नहीं राज्य सरकारें अपने अपने हिसाब से देखें।

इसे भी पढ़ें:बहन के प्रेमी का अपरहण कर भाई ने की हत्या, जंगल में फेंक दी लाश 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एम नागराज मामले में संविधान पीठ के फैसले के बाद शीर्ष अदालत कोई नया पैमाना नहीं बना सकती। इस मामले में कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2021 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में अप्रैल 2016 से प्रमोशन पर रोक लगी है। प्रदेश में 6 साल से सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन नहीं हुए हैं। प्रदेश में पदोन्नति नियम 2002 के तहत कर्मचारियों के प्रमोशन होते थे।

इसे भी पढ़ें:इमरती देवी को अपने राजनैतिक गुरु से मिली फटकार, सबके सामने मांगी नेत्री ने माफी 

2016 में हाईकोर्ट ने इसपर बैकलॉग के खाली पदों को कैरिफारवर्ड करने और रोस्टर संबंधी प्रावधान को संविधान के विरुद्ध मानते हुए आरक्षण के नियम को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

प्रमुख खबरें

BJP Candidate List: पूनम महाजन का टिकट कटा, BJP ने मुंबई उत्तर मध्य सीट से 26/11 केस के वकील पर लगाया दांव

ED के समन की अनदेखी करने के मामले में ‘AAP’ विधायक अमानतुल्ला खान को जमानत मिली

Whatsapp ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा, अगर एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो भारत में आपना काम बंद कर दूंगा

Bihar के पश्चिम चंपारण जिले में बारातियों को ले जा रही जीप ट्रक से टकराई, तीन लोगों की मौत