International Highlights: कोविशील्ड को मान्यता नहीं देने पर घाना के राष्ट्रपति ने यूरोपीय देशों की आलोचना की

By टीम प्रभासाक्षी | Sep 24, 2021

घाना ने भारत-निर्मित टीके ‘कोविशील्ड’ को मान्यता नहीं देने वाले यूरोपीय देशों की आलोचना की है। वहीं दूसरी ओर नीदरलैंड के उत्तरी डच शहर से खबर है कि 12 साल का एक बच्चा कोविड वैक्सीन लगवाना चाहता था लेकिन इसके पिता इस बात के लिए राजी नहीं थे, इस बात के लिए यह बच्चा कोर्ट पहुंच गया।

 

फ्रांस को मनाने की कोशिशों में जुटे ऑकस नेता, अगले महीने बाइडेन और मैक्रों का मिलना तय!

 

ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ पनडुब्बी करार समाप्त कर अमेरिका से हाथ मिला लिया। जिसकी वजह से फ्रांस नाराज चल रहा है। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक वह सफल नहीं हो पाए।


भारत की कोविशील्ड को नहीं दी मान्यता! इस देश ने यूरोपीय देशों की आलोचना की


घाना के राष्ट्रपति नाना अडो डंकवा अकुफो-अडो ने यात्रियों के लिए भारत में निर्मित कोविड-19 रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ को ‘‘यूरोप के कुछ देशों’’ से मान्यता नहीं मिलने को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया और कहा कि यह आव्रजन नियंत्रण के लिए एक उपकरण के रूप में टीकों का सहारा लेना ‘‘वास्तव में प्रतिगामी कदम’’ होगा। ‘कोविशील्ड’ को मान्यता ना देने पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ब्रिटेन सरकार ने भारत-निर्मित ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका कोविड-19 रोधी टीके ‘कोविशील्ड’को बधवार को अद्यतन अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श में शामिल कर लिया।


नए हिंद-प्रशांत सुरक्षा गठबंधन को लेकर अब भी नाराज है फ्रांस, बढ़ा तनाव

 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और फ्रांस के उनके समकक्ष एमैनुअल मैक्रों के बीच इस हफ्ते फोन पर बातचीत से संभावना है कि नए हिंद-प्रशांत गठबंधन से फ्रांस को बाहर रखे जाने और पनडुब्बी समझौता रद्द होने पर उसकी नाराजगी थोड़ी कम हुई हो। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि नए गठबंधन को लेकर फ्रांस का गुस्सा अब भी जस का तस बना हुआ है।


कोविड-19 से बचाने में मास्क कितना है कारगर? सर्जिकल मास्क को माना गया सबसे सुरक्षित


क्या मास्क कोविड-19 से बचाने में कारगर हैं? अगर हां, तो कौन सा मास्क इस्तेमाल करना चाहिए, एन95, सर्जिकल मास्क, कपड़े से बना मास्क या पट्टीनुमा कपड़ा? पिछले डेढ़ साल में, अनुसंधानकर्ताओं ने मास्क की प्रभावशीलता पर बहुत सारे प्रयोगशाला, मॉडल-आधारित और अवलोकन संबंधी साक्ष्य तैयार किए हैं। कई लोगों के लिए यह समझना मुश्किल हो गया है कि क्या काम करता है और क्या नहीं।


पिता नहीं चाहता था बेटा लगवाए कोरोना वैक्सीन! 12 वर्षीय बच्चा पहुंचा कोर्ट


नीदरलैंड में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक कानून बनाया गया है कि, 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चे कोरोना का टीका लगवाने को लेकर खुद फैसला ले सकते है। बता दें कि बच्चों को इसके लिए अपने माता-पिता दोनों से लिखित में अनुमति लेनी पड़ती है। बिना माता-पिता की अनुमति के बच्चे वैक्सीन नहीं लगवा सकते है। इसी को देखते हुए नीदरलैंड के उत्तरी डच शहर में एक 12 वर्षीय बच्चे ने कोरोना वैक्सीन लगवाने की जिद की और इसके लिए वह कोर्ट तक पहुंच गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 12 साल का यह बच्चा कोविड वैक्सीन लगवाना चाहता था लेकिन इसके पिता इस बात के लिए राजी नहीं थे। हालांकि, कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए साफ कहा कि, बच्चे को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाई जाए। वैक्सीन को लेकर माता-पिता को कोर्ट पहुंचाने का यह पहला मामला है।

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