By अभिनय आकाश | Feb 06, 2023
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का 5 फरवरी को निधन हो गया। संयुक्त अरब अमीरात के अमेरिकन अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। मुशर्रफ अमीलॉइडोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित थे। परवेज मुशर्रफ की पाकिस्तान की राजनीति में काफी अहम भूमिका रही है। परवेज मुशर्रफ का सैन्य कमांडर और आर्मी चीफ से लेकर राष्ट्रपति बनने तक का सफर काफी रोचक रहा है। 11 सितंबर 2001 की वो स्याह तारीख को भला कौन भूल सकता है। जब 20 साल पहले आतंकियों ने इसी दिन सुपर पॉवर मुल्क कहे जाने वाले अमेरिका की बुनियाद हिला कर रख दी थी। उस दिन आतंकवादियों ने अमेरिका का गुरूर कहे जाने वाली इमारत का वजूद ही खत्म कर दिया था। उस दिन अमेरिका को पहली बार ये एहसास हुआ कि आतंकवाद का खात्मा किए बिना वो अपने घर में ही सुरक्षित नहीं है।
अमेरिका ने दी धमकी
अमेरिका ने 9/11 के आतंकवादी हमलों के बाद पाकिस्तान को "वापस पाषाण युग में" पहुंचाने की धमकी दी थी। अमेरिका ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को साफ कहा था कि यदि तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने अफगानिस्तान पर अमेरिका के युद्ध में सहयोग नहीं किया तो वो उनके देश को बम हमलों से स्टोन एज में भेज देंगे।
वापस पाषाण युग में भेंज देंगे
मुशर्रफ ने अपने संस्मरण इन द लाइन ऑफ फायर में लिखा था कि सख्त बातचीत वाले अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री रिचर्ड आर्मिटेज ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख के साथ बातचीत में यह धमकी दी थी। आईएसआई प्रमुख 11 सितम्बर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकवादी हमलों के वक्त वाशिंगटन दौरे पर थे। मुशर्रफ ने ‘ट्विन टावर पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद की स्थिति का जिक्र करते हुए लिखा था, ‘‘अब तक के सबसे अराजनयिक बयान में आर्मिटेज ने आईएसआई के महानिदेशक से कहा था कि हमें (पाकिस्तान को) केवल यह तय करना है कि हम अमेरिका के साथ हैं या आतंकवादियों के साथ, लेकिन यदि हमने आतंकवादियों को चुना, तो फिर हमें पाषाण युग में ले जाने वाले बम हमलों के लिए तैयार रहना चाहिए।
अमेरिका ने ओसामा को पाकिस्तान में घुसकर किया ढेर
2001 में जब अल कायदा ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला किया, तो उसका शीर्ष नेता ओसामा बिन लादेन था। अल कायदा ने मूल रूप से अमेरिका के वजूद को ही झकझोड़ कर रख दिया था। 9/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ता बिन लादेन को 2 मई, 2011 को अमेरिकी नौसेना के जवानों ने मार गिराया था। बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपा था। लेकिन वो अमेरिकी खुफिया विभाग की नजरों से नहीं बच पाया। अमेरिकी सेना ने उस अड्डे में प्रवेश किया और अल कायदा के शीर्ष नेता को मार गिराया। यह ऑपरेशन 'नेप्च्यून स्पीयर' को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय में अंजाम दिया गया।