By रेनू तिवारी | Apr 22, 2020
रामायण के निर्देशक रामानंद सागर उत्तर रामायण का लव-कुश कांड नहीं बनाना चाहते थे लेकिन पीएमो की तरफ से फोन आने के बात रामानंद सागर ने लव कुश कांड बनाने का फैसला लिया। रामानंद सागर सागर आखिर क्यों नहीं बनाना चाहते थे उत्तर रामायण? आखिर वो क्या करण थे कि पूरा देश चाहता था कि उत्तर रामायण बने लेकिन रामानंद सागर बिलकुल तायार नहीं थे लव कशु कांड बनाने के लिए। आज हम आपको वही कारण बताएंगे।
रामायण में राम के जन्म से लेकर शिक्षा, सीता से शादी, वनवास का, रावण के साथ महायुद्ध आदि सब कुछ दिखाया जिसे जनता ने खूब पसंद किया। रावण को मार कर आयोध्या का राज संभालने के बाद आखिर क्या हुआ? इस बात को हर कोई जानना चाहता था रानानंद सागर की रामायण के माध्यम के द्वारा। रामानंद सागर आगे की रामायण इस लिए नहीं बनना चाहते थे क्योंकि वह बहुत बड़े राम भक्त थे। वह वाल्मीकि की रामायण के अनुसार राम के द्वारा सीता के त्याग के कारण को बिलकुल स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे।
रामानंद सागर का कहना था कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम धोबी के कहने के कारण सीता का त्याग नहीं कर सकते। वाल्मीकि की रामायण के अनुसार अयोध्या में एक धोबी अपनी पत्नी का त्याग इस लिए कर देता है क्योंकि वह एक रात नदी के दूसरे पार रह गई थी और सीता लंका में न जाने कितने दिन बिता कर आयी है। राम ने धोबी की उस बात के कारण ही साती को त्यागने का फैसला लिया था। रामानंद सागर के अनुसार शत्रु के साथ भी न्याय करने वाले राम ने कैसे अपनी पत्नी के साथ अन्याय किया। इस बात को रामानंद सागर बिलकुल भी स्वीकार नहीं कर रहे थे। रामानंद सागर ने रामायण का पहला भाग तुलसीदास की रामायण के अनुसार बनाया था। तुलसीदास की रामायण मे उत्तर रामायण का जिक्र नहीं था। उत्तर रामायण का वर्णन वाल्मीकि की रामायण मे था।
वाल्मीकि समाज की तरफ से भी रामायण के अगले भाग को बनाने की तेजी से मांग हो रही थी। रामायण के अगले भाग को बनाने की मांग को लेकर लोदग सड़को पर उकर आये थे। जनता ने भी खूब अपीले भेजी लेकिन तब भी रामानंद सागर उत्तर रामायण बनाने को तैयार नहीं थे। जब पीएमओ की तरफ से दो -तीन बार कॉल आया तब जाकर रामानंद सागर ने उत्तर रामायण को बनाने के बारे में सोचा। कुछ समय बाद रामानंद सागर ने उत्तर रामायण का दूरदर्शन पर टेलीकास्ट किया।