By अनन्या मिश्रा | Jan 23, 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम हो रहा है। आम आदमी पार्टी इस चुनाव में पूरे जोर-शोर के साथ उतरी है। दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी पिछले 10 सालों से काबिज है। वहीं अब आप पार्टी के लिए सरकार बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। साल 2013 में आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा था। उस दौरान पार्टी को सिर्फ 28 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन साल 2015 और फिर 2020 के चुनावों में पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी। लेकिन अन्य राजनीतिक पार्टियां भी इस चुनाव में पूरा जोर लगा रही हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
करो या मरो वाला चुनाव
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 आम आदमी पार्टी के लिए करो या मरो की स्थिति वाला है। आप पार्टी के लिए दिल्ली ही वह राज्य है, जहां आप का जनाधार बना है। साथ ही दिल्ली में आप पार्टी की योजनाओं को देशभर में प्रचारित किया। इन योजनाओं के आधार पर अन्य राज्यों में भी लोग आप के साथ जुड़ने लगे। पार्टी का जनाधार भी पिछले 10 साल में काफी बढ़ा है। ऐसे में दिल्ली में आप के लिए चुनाव जीतना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। क्योंकि दिल्ली में दो बार आप सरकार बन चुकी है।
पिछले चार सालों में सीएम रहते हुए अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के कारण आप पार्टी के बड़े नेताओं को जेल भी जाना पड़ा। हालांकि अभी सभी लोग जमानत पर बाहर हैं। लेकिन इस चुनाव में आप पार्टी पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगेंगे। जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं अगर अन्य राजनीतिक पार्टियां अपना खोया हुआ जनाधार वापस पा लेती हैं, तो आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली में सत्ता बचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।