WTC Final भारत Vs न्यूजीलैंड मैच, दोनों टीमों की ताकत और कमजोरियां जानिए

By आयशा आलम | Jun 16, 2021

टेस्ट क्रिकेट का इतिहास सदियों पुराना हो चुका है। 1877 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच से शुरू हुआ मैच अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक के सफर पर पहुंच गया है। क्रिकेट इतिहास में दर्शकों को सब कुछ मिला। क्रिकेट फैंस ने एकदिवसीय मैचों के वर्ल्ड कप से लेकर टी-20 वर्ल्ड कप तक देखा। इस दौरान इस खेल को बहुत प्यार मिला लेकिन टेस्ट क्रिकेट शायद उसमें कही पीछे सा छूटता हुआ नजर आ रहा था। ऐसे में आईसीसी ने अब टेस्ट क्रिकेट को फिर से जिंदा करने के लिए नया उपाय खोजा। क्रिकेट के सबसे पुराने प्रारूप को जिंदा रखने के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप लाई गई। जिसका अब फाइनल मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाना है। यह मैच दोनों टीम के बाद 18-22 जून तक इंग्लैंड के साउथैंप्टन में होगा। इस मैच के लिए आईसीसी ने 23 जून का दिन रिजर्व डे के रूप में रखा है। भारत और न्यूजीलैंड दोनों ही टीमों ने पिछले दो साल में हर दूसरी टीम से बेहतर प्रदर्शन किया और इसका ईनाम उन्हें पहली बार आयोजित होने वाले इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच कर मिला है। दोनों ही टीमें काफी मजबूत नजर आ रही है। लेकिन कहा जाता है ना कि बड़े मैच में हर छोटी गलती को छुपाकर अपना बेस्ट निकालने वाली टीम ही चैंपियन बनती है। ऐसे में इस मुकाबले से पहले यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर दोनों टीम में किसका पलड़ा ज्यादा भारी है। इसके साथ ही भारत और न्यूजीलैंड दोनों टीम की कमजोरियां क्या क्या है।

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फाइनल मुकाबले में क्या होगी टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत

भारतीय क्रिकेट टीम ने जिस तरह से पिछले दो सालों में वर्ल्ड क्रिकेट में अपना अलग स्वरूप दिखाया है उसने हर विरोधी टीम को सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह से टीम इंडिया ने सीरीज जीती उससे पूरे विश्व को यह पता चल गया कि टीम इंडिया के पास अनुभवी खिलाड़ी ही नहीं युवा खिलाड़ियों की भी ऐसी फौज है जो दुनिया में कही भी जीतने का दम रखती है। ऐसे में अगर फाइनल मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम की ताकत देखें तो वो कोई एक खिलाड़ी ना होकर पूरा ग्रुप है। भारतीय क्रिकेट पिछले कुछ सालों में किसी एक खिलाड़ी की वजह से चैंपियन नहीं बनी बल्कि इस टीम के कुल 11 खिलाड़ियों ने मिलकर कई बार अलग अलग जगह पर छाप छोड़ी है। ऐसे में अगर टीम इंडिया एकजुट होकर हर विभाग में अपना बेस्ट प्रदर्शन करें तो वो न्यूजीलैंड जैसी टीम पर हावी हो सकती है। इसके साथ ही अगर भारतीय टीम का मजबूत पक्ष देखा जाएं तो आमतौर पर कुछ सालों पहले इसे टीम इंडिया का कमजोर पक्ष माना जाता था। दरअसल बात यहां टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों की हो रही है। भारतीय टीम के पास बुमराह, शमी, इशांत शर्मा, मोहम्मद सिराज और उमेश यादव के रूप में ऐसी पेस बैटरी मौजूद है। जो कीवी टीम के बल्लेबाजों को बड़ा परेशान करने वाली है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि फाइनल मैच में प्लेइंग इलेवन में कौन से तेज गेंदबाज खेलते है। इस मैदान पर भारत के लिए मोहम्मद शमी एक बड़ी भूमिका निभा सकते है। ड्यूक्स की गेंद से शमी अंदर और बाहर स्विंग कराकर एक विकेट लेने की काबिलियत रखते है। वहीं बुमराह अपने वेरिएशन और रफ्तार के दम पर भारत का पलड़ा भारी करेंगे। इसके अलावा इशांत के 100 मैचों से उपर का अनुभव उन्हें सबसे खास बनाता है वहीं अगर सिराज को फाइनल खेलने का मौका मिला तो यह बात हर कोई जानता है कि लाल गेंद को लहराने में माहिर ये खिलाड़ी ड्यूक्स की गेंद से कितना खतरनाक हो सकता है।


टीम इंडिया की ताकत कही बन ना जाए कमजोरी

भारतीय टीम की अगर सबसे बड़ी ताकत की बात करें तो यह उनकी बल्लेबाजी ही है। लेकिन कई बार आपकी ताकत ही सबसे बड़ी कमजोरी बन जाती है और ऐसा फाइनल मुकाबले में हो सकता है। कीवी टीम की गेंदबाजी काफी शानदार है और अगर वह फाइनल मुकाबले में भारत के टॉप आर्डर में सेंध लगा देते है तो खिताब जीतने का सफर मुश्किल हो सकता है। ऐसे में भारतीय ओपनर्स के उपर मैच में काफी बड़ी जिम्मेदारी होगी। शुभमन गिल और रोहित शर्मा दोनों को भारत को ठोस शुरूआती देनी होगी और कोशिश करना होगा कि नई गेंद से विकेट ना गंवाए।

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क्या है न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी ताकत 

न्यूजीलैंड की टीम की सबसे बड़ी ताकत देखा जाएं तो वो उनका कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि हाल ही में मिली इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीत है। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दूसरे मैच में अपने अहम खिलाड़ियों के बिना भी कीवी टीम ने मैच जीता और 1999 के बाद इंग्लिश सरजमीं पर टेस्ट सीरीज अपने नाम की। ऐसे में न्यूजीलैंड की टीम के पास इंग्लैंड में भारत से कुछ दिन पहले पहुंचकर खेलने का अनुभव और जीत का मोमेंटम है। इसके साथ ही अगर न्यूजीलैंड की कोई सबसे बड़ी ताकत होगी तो उनकी तेज गेंदबाजी है। न्यूजीलैंड की टीम के पास ट्रेंट बोल्ट, नील वैगनर और टिम साउदी के रूप में ऐसे तेज गेंदबाज मौजूद है जो भले ही 145 कि.मी के उपर की रफ्तार से गेंद ना फेंकते हो लेकिन वो सही टप्पे पर गेंद डालकर अच्छी मूवमेंट पा सकते है और वहां से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकते है। इसके अलावा टीम के सबसे बड़े हथियार काइल जैमिसन होंगे जो अपनी उंचाई और सटीक लाइन लेंथ से भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा लेंगे। इसके साथ कॉलिन डी ग्रैंडहोम को भले ही इस गेंदबाजी लाइनअप में कमजोर आंका जाएं लेकिन वो अपने मीडियम पेस गेंदों को अंदर और बाहर मूव कराकर भारतीय बल्लेबाजों का विकेट निकाल सकते हैं। ऐसे में भारत की तरह न्यूजीलैंड की भी ताकत तेज गेंदबाजी ही नजर आती है।


न्यूजीलैंड की कमजोर कड़ी क्या है

न्यूजीलैंड की टीम वैसे तो काफी मजबूत नजर आती है लेकिन अगर इस टीम की कमजोर देखी जाएं तो यह उसका मिडिल ऑर्डर हो सकता है। न्यूजीलैंड की टीम के पास देखा जाए तो नंबर 8 तक बेहतरीन बल्लेबाज मौजूद है लेकिन इनका मिडिल आर्डर भारत के रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन की घूमती गेंदों से परेशान हो सकता है। कप्तान विलियमसन और रास टेलर को छोड़ दें तो इनके बाद के बल्लेबाजों में स्पिन खेलने की वो काबिलियत नजर नहीं आती है। ऐसे में अगर साउथैंप्टन के मैदान एजियस बाउस में धूप खिली और स्पिनर्स को मदद मिली तो इनकी बैटिंग की परीक्षा हो सकती है। इसके अलावा अपने टेस्ट करियर की धुआंधार शुरूआत करने वाले डेवोन कॉनवे भी अश्विन के सामने परेशान हो सकते है। वहीं केन विलियमसन जिस तरह से इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में फ्लॉप रहे और फिर दूसरे टेस्ट मैच में चोट की वजह से नहीं खेलें ऐसे में इनका कॉन्फिंडेस भी ज्यादा उपर नहीं होगा जिसपर भारतीय गेंदबाज हमला कर सकते हैं।


- आयशा आलम

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