Chai Par Sameeksha: चुनावी चर्चा में आए मटन-मछली और मुगल... चुनाव में कहां पिछड़ रही कांग्रेस

Rahul Tejashwi
ANI
अंकित सिंह । Apr 15 2024 4:28PM

नीरज कुमार दुबे ने कहा कि हां, जमीन पर महंगाई, बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। लेकिन लोगों को मोदी सरकार से उम्मीद भी है। लोग यह भी मानते हैं कि मोदी सरकार में स्वरोजगार के अवसर बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो राजनीति है, वह कुल मिलकर कन्फ्यूजन वाली दिखाई दे रही है।

प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी हमने देश की राजनीतिक हालात पर चर्चा की। देश में लोकसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनावी सरगर्मियां जबरदस्त तरीके से तेज दिखाई दे रही हैं। इस कार्यक्रम में हमारे साथ हमेशा की तरह प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे मौजूद रहे। नीरज कुमार दुबे इस वक्त अरुणाचल प्रदेश में है इसलिए उन्होंने नॉर्थ ईस्ट की राजनीति से ही कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में भाजपा काफी मजबूत नजर आ रही है। कांग्रेस ने यहां मजबूती से चुनाव ही नहीं लड़ना चाहा है। कांग्रेस में भगदड़ सी मची हुई है। बावजूद इसके इसे रोकने के लिए पार्टी कोई ठोस उपाय नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां जमीन पर भाजपा को लेकर कई सवाल है। लेकिन लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी को देश के लिए प्रधानमंत्री एक बार फिर से बनाना चाहिए।

नीरज कुमार दुबे ने कहा कि हां, जमीन पर महंगाई, बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। लेकिन लोगों को मोदी सरकार से उम्मीद भी है। लोग यह भी मानते हैं कि मोदी सरकार में स्वरोजगार के अवसर बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो राजनीति है, वह कुल मिलकर कन्फ्यूजन वाली दिखाई दे रही है। ऐसा हो नहीं सकता कि राहुल गांधी जो बोल रहे हैं, वही सही है। बाकी जो कुछ भी लोग बोल रहे हैं वह गलत है। कांग्रेस पूरी तरीके से राहुल गांधी के ही आसपास घूमती हुई दिखाई दे रही है जबकि भाजपा सामूहिक नेतृत्व को आगे कर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत जोड़ो आंदोलन शुरू किया। लेकिन राहुल गांधी को सबसे पहले कांग्रेस जोड़ो आंदोलन करना चाहिए।

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नीरज कुमार ने कहा कि कई जगह मामला टाइट नहीं, राइट दिखाई दे रहा है। मोदी नाम केवलम दिखाई दे रहा है। लेकिन हमने इसी भी सवाल कर दिया कि जब माहौल ऐसा है फिर प्रधानमंत्री मोदी को मटन चिकन का जिक्र कर चुनावी सभा क्यों करना पड़ रहा है? इसको लेकर नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जाहीर सी बात है कि उत्तर भारत की राजनीति में हिंदुत्व भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री की ओर से यह मुद्दा उठाया गया। लेकिन इसमें सच्चाई भी है कि नवरात्रि के समय इस तरह के वीडियो को साझा कर तेजस्वी यादव ने क्या दिखाने की कोशिश की? इसके अलावा 6 महीने पहले का वीडियो जो राहुल गांधी ने साझा किया था, वह सावन के दौरान का था। सावन को हिंदुओं का पवित्र महीना माना जाता है। ऐसे में इस वीडियो को साझा करके राहुल और तेजस्वी यादव किसको खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा ऐसे मुद्दों को भुनाने की कोशिश करेगी और इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने यह मुद्दा उठाया है। हालांकि प्रधानमंत्री नॉर्थईस्ट में या साउथ में जाकर इस मुद्दे पर बहुत ज्यादा कुछ नहीं बोल सकते क्योंकि इन क्षेत्रों में यह मुद्दा बीजेपी के लिए काम नहीं कर पाएगा। 

कांग्रेस में मचे भगदड़ पर हमने नीरज दुबे से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि जाहिर सी बात है कि राहुल गांधी कुछ ऐसे सलाहकारों के बीच घिर गए हैं जिससे की पार्टी के अंदर फुट की स्थिति बढ़ती जा रही है। जयराम रमेश को लेकर कहा कि वह पार्टी के लिए रणनीति बनाते हैं। एजेंडा सेट करते हैं, किसको राहुल गांधी से मिलना है, किसको नहीं मिलना है, इस बात की भी रणनीति तय करते हैं। वह गांधी परिवार के बेहद करीबी है। ऐसे में कहीं ना कहीं कांग्रेस के बाकी जो नेता है, वह हाशिए पर जाते दिखाई दे रहे हैं। इसलिए ऐसे नेता अब कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितना जयराम रमेश इस वक्त पावरफुल नजर आ रहे हैं , उतना कभी भी कांग्रेस के भीतर संचार महासचिव को इतनी ताकत नहीं दी गई थी। 

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