By अभिनय आकाश | May 21, 2022
दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में किए गए विवादित पोस्ट को लेकर जमानत दे दी है। पुलिस के अनुसार, प्रोफेसर रतन लाल ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए एक 'शिवलिंग' के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्हें 21 मई शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक के सामने पेश किया गया। प्रोफेसर लाल ने जमानत और सुरक्षा की मांग करते हुए दिल्ली की अदालत का दरवाजा खटखटाया था। प्रोफेसर 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई है।
प्रोफेसर के वकील ने कहा कि हम उनकी जमानत याचिका दायर कर रहे हैं। वह अपराधी नहीं है और भागेगा नहीं। पुलिस ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया या शिकायत का जवाब देने का मौका नहीं दिया। अपराध जमानती हैं। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने रतन लाल की न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है। पुलिस ने कहा कि मामला गंभीर है क्योंकि सोशल मीडिया पोस्ट का समाज पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग पाए जाने के दावों पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में शुक्रवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस के मुताबिक एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए (धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) के तहत साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया। वकील विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में कहा कि रतन लाल ने हाल ही में ‘शिवलिंग’ पर एक अपमानजनक और उकसाने वाला ट्वीट किया था।