By अनुराग गुप्ता | Jun 20, 2020
कोरोना ने मालिकों को ऐसी मुश्किलों में लाकर खड़ा कर दिया है कि अब रेस्तरां, ढाबा और ऑनलाइन किचन के मालिक लाभ से ज्यादा नाम पर ध्यान दे रहे हैं और नाम की ही लड़ाई लड़ रहे है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वेस्ट दिल्ली टोनी पिछले 15 साल से ढाबा चला रहे हैं लेकिन आजतक उन्होंने खुद को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से नहीं जोड़ा था क्योंकि पहले ही उनकी अच्छी खासी बिक्री हो जाती थी कि ऑनलाइन ऑर्डर की तरफ उनका कभी ध्यान ही नहीं गया।
सबकुछ सामान्य हो जाएगा
टोनी ने कहा कि उनका हमेशा खाने की क्वालिटी और टेस्ट पर ही पूरा ध्यान होता था लेकिन कोरोना ने अब सब कुछ सिखा दिया है। अभी ज्यादा कस्टमर नहीं हैं लेकिन टोनी को भरोसा है कि धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य हो जाएगा।
टोनी ने डिनर की सुविधा बंद कर दी है, वह सिर्फ ब्रेकफास्ट और लंच ही मुहैया करा रहे हैं। हालांकि सुबह के वक्त वह ऑनलाइन ऑर्डर भी ले लेते हैं। इस दौरान उन्होंने ढाबा चलाने वाले लोगों को सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि अभी मेरे जैसे लोगों को सिर्फ अपना खर्चा और स्टाफ की सैलरी निकालने के बारे में ही सोचना चाहिए। काम बंद करने से हालात और खराब हो जाएंगे। ऐसे में काम जारी रखें।
नाम की लड़ाई लड़ रहे रेस्तरां
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक रेस्तरां के मैनेजर ने बताया कि हम पहले कपल्स को टारगेट करते थे लेकिन अब हम फैमिली पर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में हम रोजाना अपने पुराना कस्टमर्स को ऑफर्स के मैसेज भेजते हैं और सोशल मीडिया पर प्रमोशन भी करते हैं। यह सब करने से फायदा तो होता ही है। कस्टमर दोबारा आने लगते हैं और नाम भी बना रहता है।
उन्होंने आगे बताया कि रोजाना रेस्तरां में सैनिटाइजेशन की, नए-नए ऑफर्स की और डिस्काउंट पैकेज की तस्वीरें अपलोड की जाती है। कस्टमर्स को लुभाने के लिए रेस्तरां को अपनी रेट लिस्ट भी बदलनी पड़ेगी या फिर उन्हें वन प्लस वन का ऑफर देना पड़ेगा।
ऑनलाइन प्रेफर करते हैं लोग
कोरोना काल में ऑनलाइन किचन का काम काफी ज्यादा हिट हुआ है। इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं होता है। ऐसे में ऑनलाइन किचन डिस्काउंट और टेस्ट की स्ट्रैटजी अपनाते हैं और मार्केट में ज्यादा कॉम्पिटिशन होने की वजह से सबसे ज्यादा दबाव टेस्ट का होता है। कोरोना वायरस के बढ़ते के बीच में लोग ऑनलाइन को ज्यादा प्रेफर करते हैं।